Milk production doubled in Chhattisgarh in 20 years, read special report
रायपुर। दूध उत्पादन के मामले में छत्तीसगढ़ की देश में हिस्सेदारी अन्य राज्यों की तुलना में थोड़ी कम है, लेकिन राष्ट्रीय डेयरी बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में दूध उत्पादन बढ़ा है।
जानकारी के अनुसार प्रदेश में 11.75 लाख भैंस हैं। वहीं 99.84 लाख गोवंश हैं, जिनमें 65 प्रतिशत हिस्सा कोसली नस्ल की गायों का है। इसी नस्ल की गायों से राज्य में 2001-02 में 795 हजार टन दूध का उत्पादन हुआ था। 2019-20 में बढ़कर यह 1,676 हजार टन हो गया। यानी दूध उत्पादन लगभग दोगुना हो गया। राज्य में पाए जाने वाली देसी नस्ल की कोसली गाय का मेंटेनेंस नहीं के बराबर है। इन गायों की दूध देने की सीमा है, यही वजह है कि अन्य राज्यों की तुलना में यहां दूध उत्पादन तेजी से नहीं बढ़ा है। इन कोसली गायों ने दूध उत्पादन के मामले में देश के 36 राज्यों में 18वें नंबर पर छत्तीसगढ़ को पहुंचा दिया है।
राज्य निर्माण के वक्त देश में दूध उत्पादन में प्रदेश की हिस्सेदारी 0.9 प्रतिशत थी, जो घटकर 0.8 प्रतिशत रह गई है। यहां दूसरे राज्यों की उन्नत नस्ल की गायों को लाकर बड़े पैमाने पर दूध उत्पादन करना संभव नहीं है, क्योंकि प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियां उन नस्लों के उपयुक्त नहीं है। देश की दुग्ध क्रांति में भले ही गुजरात, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब की ऊंची नस्ल की गायों का योगदान है। प्रदेश में सहकारी तौर पर दूध उत्पादन और बेचने के लिए राज्य सहकारी दुग्ध महासंघ का गठन किया गया है।