SECL के साथ सकारात्मक चर्चा के बाद 8 जनवरी को दीपका खदान बंद आंदोलन किया गया स्थगित

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Dipka mine closure agitation postponed on January 8 after positive discussion with SECL

कोरबा। छत्तीसगढ़ किसान सभा ने ग्रामीणों को मुआवजा और पुनर्वास दिये बगैर एसईसीएल दीपका क्षेत्र अंतर्गत मलगांव फेस में खनन विस्तार पर तत्काल रोक लगाने की मांग की थी और 8 जनवरी को खदान बंद की घोषणा की थी। खदान बंद आंदोलन से पहले दीपका प्रबंधन ने किसान सभा और प्रभावितों को चर्चा के लिए बुलाया। दीपका कार्यालय में 2 घंटे तक मुआवजा और रोजगार की समस्या को लेकर चर्चा हुई बैठक में एसईसीएल प्रबंधन ने मांगो को गंभीरता से लेते हुए मांगो का समाधान करने का आश्वासन दिया।

सकारात्मक वार्ता के बाद किसान सभा के दीपका इकाई के अध्यक्ष बसंत चौहान ने 8 जनवरी को दीपका खदान बंद आंदोलन को स्थगित करने की घोषणा के साथ ही कहा कि 15 दिनों के अंदर समस्याओं का समाधान होता नहीं दिखेगा तो पुनः दीपका खदान बंद करने के लिए मजबूर होंगे। किसान सभा ने आरोप लगाया कि अंधाधुंध खनन और मुनाफे के लालच में आम जनता के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है।

किसान सभा ने ग्रामीणों को पहुंचे नुकसान का तत्काल मुआवजा देने, पेयजल की उचित व्यवस्था करने, नियमानुसार सेफ्टी जोन बनाने, मलगांव में हर सप्ताह मेडिकल कैंप लगाने, प्रत्येक छोटे–बड़े खातेदार को स्थाई रोजगार देने और इस क्षेत्र के प्रभावितों को आउटसोर्सिंग कंपनियों में 100% रोजगार देने की मांग की है। किसान सभा ने राज्य सरकार और कोरबा जिला प्रशासन से भी इन मांगों पर सकारात्मक कार्यवाही करने की अपेक्षा की है।

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