न टूटने का डर रहेगा, न खोने की टेंशन, बस स्मार्टफोन खरीदते वक्त दिखाएं ये अक्लमंदी

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There will be no fear of breaking, no tension of losing, just show this wisdom while buying a smartphone

स्मार्टफोन (Smartphone) का ट्रेंड तेजी से चल रहा है। भारत में करीब हर हाथ में मोबाइल फोन देखने को मिलता है। ऐसे में फोन खोना, चोरी हो जाना आम बात हो गई है। आपके हाथ से जब मोबाइल खो जाता है, तब नींद उड़ जाती है। अगर फोन लाख-दो लाख का है तो होश ही उड़ा देती है। ऐसे में अगर आप चाहते हैं कि फोन चोरी होने, खो जाने, टूट जाने पर टेंशन न हो तो थोड़ी सी स्मार्टनेस दिखाते हुए उसका इंश्योरेंस करा लें। इससे आपको ज्यादा नुकसान नहीं होगा। आइए जानते हैं मोबाइल फोन के इंश्योरेंस के बारें में सबकुछ..

मोबाइल इंश्योरेंस इस तरह लें
जब कभी भी नया स्मार्टफोन खरीदने जाएं तो उसे खरीदने के 5 दिन के अंदर ही उसका इंश्योरेंस खरीद लें। आपके स्मार्टफोन पर इंश्योरेंस कंपनियां एक साल का इंश्योरेंस देती हैं। अगर आप इससे ज्यादा इंश्योरेंस चाहते हैं तो आपको एक्सीडेंट वारंटी भी मिलती है। मोबाइल इंश्योरेंस आप चाहें तो ऑफलाइन या ऑनलाइन किसी भी माध्यम से ले सकते हैं।

कितने में ले सकते हैं मोबाइल इंश्योरेंस
अब आप सोच रहे होंगे कि मोबाइल का इंश्योरेंस कितने का होता होगा? आपको बता दें कि अगर आपका स्मार्टफोन 1 लाख रुपए का है तो इसका प्रीमियम भी ज्यादा ही होगा। इसी हिसाब से आपको इंश्योरेंस वैल्यू भी मिलती है। मान लीजिए आपका मोबाइल 6 से 10 हजार रुपए का है तो उसका प्रीमियम 600 से 700 रुपए तक हो सकता है। आसान भाषा में समझें तो मोबाइल का इंश्योरेंस उसकी कीमत पर डिपेंड करता है। हालांकि अलग-अलग इंश्योरेंस कंपनियों की प्रीमियम राशि अलग-अलग हो सकती है।

मोबाइल चोरी हो जाए तो कितना कवर मिलेगा
अब अगर आपके स्मार्टफोन का इंश्योरेंस है और वह टूट जाए, गुम हो जाए या चोरी हो जाओ तो उस पर इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत जो राशि आपको मिलेगी, वह इस बात पर निर्भर करती है कि आपको फोन कितना पुराना है। जैसे मान लीजिए आपका स्मार्टफोन 10 हजार रुपए का है और 2 साल बाद वह चोरी हो जाता है तो आपको इंश्योरेंस क्लेम 3 हजार से 4 हजार रुपए तक मिल सकता है। अगर एक्सीडेंटल क्लेम लेते हैं तो ये भी इस बात पर निर्भर करता है कि मोबाइल कितना खराब है या कितना टूटा है।

कैसे मिलेगा इंश्योरेंस क्लेम
मोबाइल इंश्योरेंस क्लेम करना काफी आसान है। चोरी होने, गुम होने या खोने पर आपको इंश्योरेंस कंपनी को इसकी जानकारी देनी होती है। इसके बाद चोरी की स्थिति में FIR की एक कॉपी भी कंपनी को देनी होगी। डॉक्यूमेंट वेरीफाई होने के 10 से 15 दिन के अंदर आपको इंश्योरेंस क्लेम मिल जाता है।

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