छत्तीसगढ़ विधानसभा में धर्मांतरण के मुद्दे को लेकर हंगामा, कार्यवाही की गयी स्थगित

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Ruckus in Chhattisgarh Assembly over the issue of conversion, proceedings adjourned

छत्तीसगढ़ विधानसभा में मंगलवार को राज्य के मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने सत्ताधारी दल कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसके शासन में राज्य के आदिवासी बहुल इलाकों में धर्मांतरण के मामले बढ़े हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि यदि पुलिस कथित धर्म परिवर्तन से संबंधित शिकायतों के खिलाफ समय पर कार्रवाई की होती तो नारायणपुर शहर में सोमवार को हुई घटना को टाला जा सकता था। राजधानी रायपुर से लगभग तीन सौ किलोमीटर दूर नारायणपुर शहर में आदिवासियों के एक समूह के विरोध के दौरान एक चर्च में तोड़फोड़ की गई तथा भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस)के एक अधिकारी समेत छह पुलिसकर्मियों पर हमला कर उन्हें घायल कर दिया गया।

विधानसभा में मंगलवार को भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल और पार्टी के अन्य विधायकों ने राज्य में कथित धर्मांतरण के मुद्दे को उठाया तथा स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की मांग की। कांग्रेस विधायकों ने भाजपा सदस्यों के आरोपों का विरोध किया और सदन में हंगामा शुरू हो गया। इसके बाद विपक्षी दल के विधायक ‘आदिवासियों का धर्मांतरण बंद करो’ जैसे नारे लगाते हुए आसन के समाने आ गए और नियमों के तहत स्वत: ही निलंबित हो गए। तब आसन पर बैठे कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक धनेंद्र साहू ने विपक्ष के 12 सदस्यों के निलंबित होने की घोषणा की और सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी।

जब सदन की कार्यवाही फिर से शुरू हुई तब आसन ने विपक्षी सदस्यों के निलंबन को रद्द कर दिया। इधर भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने इस विषय पर एक बार फिर चर्चा की मांग की। वहीं भाजपा सदस्यों ने पोस्टर लहराया। इसके बाद सदन में फिर हंगामा शुरू हो गया। तब साहू ने सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी। विधानसभा परिसर में संवाददाताओं से बात करते हुए भाजपा के वरिष्ठ विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने नारायणपुर की घटना के लिए कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया।

श्री सिंह ने कहा, ”यदि पुलिस और प्रशासन स्थानीय आदिवासियों पर ईसाई मिशनरियों द्वारा कथित अत्याचार की शिकायतों पर समय रहते कार्रवाई करते तो इस घटना को टाला जा सकता था। राज्य के बाहर के मिशनरी गुंडों द्वारा स्थानीय आदिवासियों पर किए गए हमलों के जवाब में सोमवार की प्रतिक्रिया थी।”

उन्होंने कांग्रेस सरकार पर नारायणपुर में कानून व्यवस्था और शांति बनाए रखने में विफल रहने का आरोप लगाया। राज्य के संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे ने राज्य में धर्मांतरण होने से इनकार किया और नारायणपुर की घटना को कानून व्यवस्था का मुद्दा करार दिया। श्री चौबे ने कहा कि गृह मंत्री सदन में नारायणपुर की घटना पर अपना बयान देने को तैयार थे, लेकिन भाजपा ने केवल शोर मचाने के लिए इस मुद्दे को उठाया।

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