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कोरबा: भारत एल्युमिनियम कंपनी (BALCO) की मनमानी के खिलाफ आवाज़ उठने लगी है। कोरबा जिले में वन विभाग की 1804 एकड़ भूमि पर अवैध कब्जा करने के मामले में अब बड़ी कार्रवाई होने की संभावना जताई जा रही है। बता दें कि इस मामले की शिकायत सुप्रीम कोर्ट तक पहुंची थी, जिसके बाद सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्रीय सशक्त कमिटी के दो सदस्यों को जांच के लिए कोरबा भेजा है।
मामला वन संरक्षण अधिनियम 1980 के उल्लंघन का है, जहां बालको ने अवैध रूप से वन विभाग की भूमि पर कब्जा कर लिया। इसकी शिकायत का सिलसिला लंबा चल रहा था और अंततः शिकायतकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के लिए दो वरिष्ठ अधिकारियों को कोरबा भेजा।
इन अधिकारियों का कोरबा दौरा 26 और 27 दिसंबर 2024 को हुआ, जहां उन्होंने स्थानीय प्रशासन और वनमंडल अधिकारियों के साथ बैठकें की। जांच अधिकारी, माननीय श्री चंद्र प्रकाश गोयल और श्री सुनील लिमये, दोनों भारतीय वन सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। उनकी यात्रा के दौरान कलेक्टर और वनमंडल अधिकारी ने पूरी सुरक्षा और व्यवस्थाओं का ध्यान रखा।
इस दौरान, कलेक्टर ने जिले में कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए, लेकिन मीटिंग से पहले एक दिलचस्प मोड़ आया। कलेक्टर द्वारा किसी उच्च अधिकारी को रिसीव न करने पर, जांच समिति के सदस्य ने सार्वजनिक रूप से आपत्ति जताई। हालांकि, मीटिंग के बाद इस पूरे मामले में जिला प्रशासन की तैयारी की सराहना की गई।
सूत्रों के मुताबिक, जिला प्रशासन ने अपनी पूरी ताकत के साथ यह मामला केंद्रीय सशक्त कमिटी के सामने रखा और बालको द्वारा की गई अवैध कब्जेदारी को गलत ठहराया। यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में है और जल्द ही इस पर कार्रवाई की उम्मीद जताई जा रही है।
कोरबा में बालको के अवैध कब्जे के खिलाफ यह कार्रवाई भविष्य में अन्य कंपनियों और सरकारी विभागों के लिए एक मिसाल बन सकती है।