KORBA – Strict instructions of the Chief Minister regarding revenue matters…किसान भटकने हो रहा मजबूर…

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राजस्व मामलों को लेकर मुख्यमंत्री के कड़े निर्देश, फिर भी चार माह से भटक रहा किसान.. 

छत्तीसगढ़ BNA24 न्यूज कोरबा – खरीदी हुई जमीन को कंप्यूटर अभिलेख में दुरुस्त कराने भोले भाले किसान पिछले 4 महीने से चक्कर लगा रहा है मगर किसान का काम नही हो रहा है। पटवारी से लेकर कलेक्टर तक निवेदन करने के बाद भी किसान भटकने को मजबूर है। अब किसान अपनी पीड़ा को लेकर सीधे मुख्यमंत्री से शिकायत करने की बात कह रहा हैं।

आपको बता दें कोरबा तहसील अंतर्गत ग्राम रजगामार आश्रित ग्राम आमाडाड़ निवासी पतंग सिंह अगरिया ने दो वर्ष पूर्व ग्राम पतरापाली पटवारी हल्का नंबर 38, राजस्व मंडल पसरखेत में जमीन खरीदी थी। जमीन खरीदने के बाद राजस्व रिकॉर्ड में दुरुस्त (नामातंरण)कराने समस्त दस्तावेजों के साथ संबंधित अधिकारियों से संपर्क किया जिस पर रिकॉर्ड दुरुस्त (नामातंरण)करने एवं ऋण पुस्तिका बनाने आश्वस्त भी किया गया।

कई महीने बीत जाने के बाद किसान का ऋण पुस्तिका बना दिया मगर राजस्व रिकॉर्ड कंप्यूटर अभिलेख में दुरुस्त नहीं किया गया। इस संबंध में किसान ने तत्कालीन पटवारियों से संपर्क किया मगर पटवारियों ने एक सिरे से नकारते हुए कहा कि तहसीलदार से आदेश करा कर लाना होगा तभी दुरुस्त किया जाएगा।

किसान विगत वर्ष 25 अक्टूबर 2021 को लिखित आवेदन तहसीलदार को प्रस्तुत किया था जो कि 04 महीने बीत गए फिर भी किसान का काम नहीं हो सका।कमप्यूटर रिकार्ड दुरुस्त नहीं होने से किसान ने इसकी शिकायत 02 नवंबर 2021 में कलेक्टर से भी की थी मगर शिकायत सिर्फ फाइल में दब कर रह गई।

जहाँ एक तरफ किसान अपने खरीदी हुई जमीन को कंप्यूटर अभिलेख में दुरुस्त कराने भटक रहा है वहीं जिम्मेदार अधिकारियों की इस तरह की लापरवाही ने मुख्यमंत्री के कड़े निर्देशों को भी दरकिनार कर दिया है।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा है कि राजस्व प्रकरणों में किसी भी प्रकार की लेटलतीफी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। समय सीमा पर मामलों का निपटारा करें। मगर यहां तो उल्टा होता नजर आ रहा है। ना तो किसान की जमीन कंप्यूटर अभिलेख में दुरुस्त हो सकी और ना ही किसान को शासन की योजनाओं का लाभ मिल सका और इसी तरह किसान शासकीय योजनाओं से लगातार वंचित हो रहा है फिर भी जिम्मेदार अधिकारियों कर्मचारियों को किसान का पीड़ा नहीं दिख रहा है।

आखिर क्या कारण है कि किसान का काम नहीं किया जा रहा है? क्या किसान इसी तरह अपने काम को लेकर भटकता रहेगा? अब देखना होगा कि इस मामले को लेकर जिम्मेदार विभाग के अधिकारी किसान के काम को कितनी शीघ्रता से निपटारा करते है या फिर किसान अपनी समस्या को लेकर मुख्यमंत्री के दरवाजे पर जाने विवश होगा।

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