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Atal Bihari Vajpayee University , बिलासपुर: न्यायधानी बिलासपुर में स्थित अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय का छठा दीक्षांत समारोह मंगलवार, 4 दिसंबर को भव्य और गरिमामय तरीके से आयोजित किया गया। इस ऐतिहासिक अवसर पर देश के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की और विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए मार्गदर्शन किया।
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समारोह में 92 गोल्ड मैडल वितरित किए गए, जिसमें से 52 मेडल मेधावी छात्राओं को प्राप्त हुए। यह परिणाम न सिर्फ विश्वविद्यालय के लिए, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए गौरव का विषय बना।
🇮🇳 बेटियाँ हैं ‘बदलते भारत’ का चेहरा
गोल्ड मैडल विजेताओं में छात्राओं की अधिक संख्या पर टिप्पणी करते हुए, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि यह दृश्य ‘बदलते भारत’ की वास्तविक तस्वीर प्रस्तुत करता है।
उन्होंने युवाओं को ज्ञान, अनुसंधान और नैतिक मूल्यों के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल डिग्री प्राप्त करना नहीं, बल्कि एक अच्छा और जिम्मेदार नागरिक बनना भी है। उन्होंने छात्रों से देश के विकास में अपना रचनात्मक योगदान देने का आह्वान किया।
92 गोल्ड मैडल और 63 शोधार्थियों को उपाधि
इस दीक्षांत समारोह में कुल 619 उपाधियां प्रदान की गईं।
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गोल्ड मैडल: कुल 92 गोल्ड मैडल (जिसमें 29 दानदाताओं के मैडल शामिल हैं) मेधावी छात्र-छात्राओं को प्रदान किए गए। 52 मेडल छात्राओं के हिस्से आए।
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पीएचडी उपाधि: विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद पहली बार 63 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि से सम्मानित किया गया, जो अनुसंधान के क्षेत्र में विश्वविद्यालय की प्रगति को दर्शाता है।
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टॉप-10 सम्मान: मेरिट में आने वाले छात्रों के साथ-साथ, टॉप-10 छात्रों को भी विशेष रूप से सम्मानित किया गया।
समारोह की अध्यक्षता राज्यपाल रमेन डेका ने की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सहित अन्य गणमान्य जनप्रतिनिधि और विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एडीएन वाजपेयी भी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री साय ने पूर्व राष्ट्रपति के मार्गदर्शन को छत्तीसगढ़ के लिए सौभाग्य बताया।
कोविंद ने दिया छात्रों को मार्गदर्शन
पूर्व राष्ट्रपति कोविंद ने छात्रों से अपील की कि वे अपने ज्ञान और कौशल का उपयोग केवल व्यक्तिगत सफलता के लिए नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र के कल्याण के लिए करें। उन्होंने कहा कि आज के युवाओं में असीम ऊर्जा और क्षमता है, जिसे सही दिशा में लगाए जाने की आवश्यकता है।
इस भव्य आयोजन ने अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए एक प्रेरणादायक स्मृति छोड़ दी है और शिक्षा के क्षेत्र में लैंगिक समानता और उत्कृष्टता को एक नई पहचान दी है।

