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बलौदा/जांजगीर-चांपा। धान खरीदी केन्द्र खिसोरा में खरीदी प्रभारी बदले जाने के बावजूद नए प्रभारी को चार्ज नहीं दिए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं, जिला जांजगीर-चांपा द्वारा 20 नवंबर 2025 को जारी आदेश के बावजूद समिति के प्राधिकृत अधिकारी ने नए प्रभारी को प्रभार नहीं सौंपा। इस अवहेलना के खिलाफ नए प्रभारी दिलहरण कैवर्त्य ने कलेक्टर को लिखित आवेदन देकर चार्ज दिलाने की मांग की है।

उप पंजीयक सहकारिता कार्यालय से जारी आदेश क्रमांक 1425 दिनांक 20 नवंबर 2025 के तहत खिसोरा धान खरीदी केन्द्र में प्रभारी बदलाव किया गया था। आदेश के अनुसार पूर्व प्रभारी जगत यादव के स्थान पर दिलहरण कैवर्त्य को नया खरीदी प्रभारी नियुक्त किया गया। दरअसल, जगत यादव के विरुद्ध वर्ष 2012-13 में धान खरीदी में 10 लाख 26 हजार 152 रुपये की कमी का प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है। इसके कारण उन्हें अति संवेदनशील केन्द्र की जिम्मेदारी से हटाते हुए नया आदेश जारी किया गया था।
नए प्रभारी पहुंचे तो समिति अध्यक्ष ने देने से किया इनकार
आदेश का पालन करने दिलहरण कैवर्त्य जब धान खरीदी केन्द्र खिसोरा पहुंचे, तो समिति के प्राधिकृत अधिकारी सुरेश राठौर ने उन्हें चार्ज देने से इंकार कर दिया। दिलहरण के अनुसार, उन्हें धमका कर भी प्रभार से दूर रखा जा रहा है, जबकि उच्च कार्यालय द्वारा स्पष्ट रूप से उन्हें प्रभारी नियुक्त किया गया है।
समिति अध्यक्ष का पक्ष
समिति अध्यक्ष का कहना है कि 18 नवंबर को जगत यादव के नाम आदेश हुआ था और समिति ने उसी के आधार पर प्रस्ताव पारित किया है। इसलिए वही खरीदी कार्य करा रहे हैं। हालांकि, उप पंजीयक सहकारिता ने स्पष्ट किया है कि 20 नवंबर के नवीन आदेश के बाद जगत यादव को कार्यभार देना नियम विरुद्ध है।
कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
चार्ज न मिलने से नाराज दिलहरण कैवर्त्य ने कलेक्टर को आवेदन देकर कहा है— “कार्यालय के आदेशानुसार मैं धान खरीदी केन्द्र खिसोरा का प्रभारी हूं, लेकिन समिति अधिकारी द्वारा धमका कर प्रभार नहीं दिया जा रहा है। अतः मुझे तात्कालिक रूप से चार्ज दिलाया जाए।”
उप पंजीयक का निर्देश — तत्काल प्रभार सौंपें
उप पंजीयक सहकारिता ने पत्र जारी कर समिति को सख्त निर्देश दिए हैं कि आदेश का पालन करते हुए श्री दिलहरण कैवर्त्य को तत्काल धान खरीदी केन्द्र खिसोरा का चार्ज सौंपा जाए तथा खरीदी कार्य नियमानुसार संचालित करवाया जाए। आदेश की अवहेलना को उच्च कार्यालय ने गंभीर माना है।

