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जगदलपुर। नक्सल संगठन द्वारा हर साल मनाए जाने वाले PLGA (पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी) सप्ताह की घोषणा के बाद बस्तर क्षेत्र में सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह अलर्ट मोड में आ गई हैं। नक्सलियों ने इस वर्ष 2 दिसंबर से 8 दिसंबर तक PLGA वीक मनाने का ऐलान किया है और इसके साथ भारत बंद की चेतावनी भी जारी की है।
सुरक्षा बलों की सख्त तैयारियां
PLGA सप्ताह के दौरान नक्सली गतिविधियों में वृद्धि की आशंका के चलते पूरे बस्तर संभाग में गश्त, सर्च ऑपरेशन और सुरक्षा चौकियों को मजबूत किया गया है।
CRPF, DRG, STF और कोबरा की संयुक्त टीमें जंगलों में सघन सर्च अभियान चला रही हैं।
राज्य पुलिस मुख्यालय ने भी सभी जिलों को उच्च सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं।
नक्सलियों की बुकलेट में पहली बार नुकसान का ज़िक्र
इस बार नक्सल संगठन ने अपनी प्रचार बुकलेट में एक हैरान करने वाला खुलासा किया है।
नक्सलियों ने पिछले 11 महीनों में करीब 320 सदस्यों के मारे जाने का दावा किया है।
इनमें सबसे अधिक संख्या दंडकारण्य जोन की बताई गई है।
यह पहली बार है जब नक्सली संगठन ने अपने बड़े नुकसान को सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है।
कमजोरी उजागर होने पर सुरक्षा एजेंसियां अधिक सतर्क
नक्सलियों द्वारा अपने नुकसान का उल्लेख किए जाने के बाद सुरक्षा एजेंसियां मान रही हैं कि संगठन दबाव में है और PLGA सप्ताह के दौरान किसी बड़ी घटना को अंजाम देकर अपनी उपस्थिति दिखाने की कोशिश कर सकता है।
इसी आशंका को देखते हुए हर जिले में अतिरिक्त बल तैनात किया गया है।
भारत बंद की चेतावनी को लेकर सख्त निगरानी
नक्सलियों द्वारा जारी भारत बंद की चेतावनी के बाद बस सेवाओं, बाजारों और ग्रामीण इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
मुख्य मार्गों, रेलवे ट्रैक, पुलों और सरकारी संस्थानों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
स्थानीय लोगों से सतर्क रहने की अपील
प्रशासन ने ग्रामीणों से अपील की है कि किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें।
जंगलों के आसपास रहने वाले लोगों को विशेष सावधानी बरतने और अनावश्यक रूप से जंगलों में न जाने की सलाह दी गई है।

