Monday, December 1, 2025

मैनपाट में बक्साइट खदान विस्तार पर बवाल, जनसुनवाई में ग्रामीणों ने उखाड़ा पंडाल, शासन प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप….

Must Read
Getting your Trinity Audio player ready...

अम्बिकापुर/छत्तीसगढ़ : छत्तीसगढ़ के पहाड़ी पर्यटन स्थल मैनपाट में कंडराजा और उरगा क्षेत्र में प्रस्तावित बक्साइट खदान विस्तार को लेकर स्थानीय ग्रामीणों का विरोध रविवार को उस समय उग्र रूप ले लिया, जब नर्मदापुर मिनी स्टेडियम में आयोजित प्रशासनिक जनसुनवाई के दौरान ग्रामीणों ने पंडाल उखाड़ दिया। प्रशासनिक तैयारी और पुलिस बल की मौजूदगी के बावजूद विरोधी ग्रामीणों के आक्रोश के आगे व्यवस्था ध्वस्त हो गई।

जनसुनवाई का आयोजन खदान विस्तार प्रस्ताव पर ग्रामीणों की राय लेने के लिए किया गया था। लेकिन कार्यक्रम की शुरुआत से पहले ही असंतुष्ट ग्रामीण भारी संख्या में एकत्र हो गए। उनका कहना था कि पहले से संचालित बक्साइट खदानों ने मैनपाट के प्राकृतिक संतुलन को गहरा नुकसान पहुँचाया है—जमीन की उर्वरता में गिरावट, जलस्रोतों का सूखना, भूजल स्तर में कमी और वनों में कमी जैसी समस्याएँ लगातार बढ़ रही हैं। ग्रामीणों ने स्पष्ट चेतावनी दी कि खदान का विस्तार उनके जल, जंगल और जमीन पर सीधा हमला है।

विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व जिला पंचायत सदस्य रतनी नाग ने किया। उन्होंने आरोप लगाया कि खदान कंपनी और कुछ प्रशासनिक कर्मचारियों ने जनसुनवाई से पहले प्रभावित ग्रामीणों को शराब पिलाकर उनकी राय बदलने की कोशिश की, ताकि वे विस्तार परियोजना के पक्ष में दिखाई दें। रतनी नाग ने इस कृत्य को “लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को ध्वस्त करने वाली साजिश” बताया।

मैनपाट को ‘छत्तीसगढ़ का शिमला’ कहा जाता है। इसकी हरियाली, वादियाँ और ठंडी जलवायु इसे प्रदेश का प्रमुख पर्यटन स्थल बनाती हैं। ग्रामीणों का कहना है कि खदान विस्तार से पर्यावरणीय क्षरण बढ़ेगा और पर्यटन पर आधारित स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी करारा झटका लगेगा। इसके अलावा इस क्षेत्र में हाथियों का बसेरा है और खनन क्षेत्र के विस्तार से हाथियों के विचरण क्षेत्र प्रभावित होने का खतरा है, जिससे मानव-वन्यजीव संघर्ष बढ़ सकता है।

जनसुनवाई स्थल पर मौजूद पुलिस बल और प्रशासनिक अधिकारियों ने स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया, लेकिन आक्रोशित ग्रामीणों ने पंडाल उखाड़ते हुए कार्यक्रम को बाधित कर दिया। माहौल तनावपूर्ण हो गया और प्रशासन को कार्यक्रम बीच में ही रोकना पड़ा।

ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि खदान विस्तार पर प्रशासन या कंपनी आगे बढ़ने की कोशिश करती है, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे। फिलहाल प्रशासन ने आगे की कार्रवाई पर विचार-विमर्श शुरू कर दिया है, वहीं विरोधी ग्रामीणों का स्पष्ट कहना है कि वे “मैनपाट की मिट्टी और पर्यावरण की रक्षा” के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं।

Latest News

Tere Ishq Mein box office collection : Tere Ishq Mein वीकेंड कलेक्शन ने बनाया रिकॉर्ड

Tere Ishq Mein box office collection :  नई दिल्ली। बॉक्स ऑफिस (Box Office) पर इस वक्त माहौल बेहद गरम...

More Articles Like This