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मुंबई। भारतीय नौसेना के बेड़े में आज एक और शक्तिशाली युद्धक पोत शामिल हो गया। माहे-श्रेणी का पहला स्वदेशी पनडुब्बी रोधी पोत मुंबई के नौसेना डॉकयार्ड में एक विशेष समारोह के दौरान नौसेना में शामिल किया गया। यह पोत उथले पानी यानी कम गहराई वाले समुद्री क्षेत्रों में कार्य करने के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया है और तटीय सुरक्षा को और मजबूत बनाएगा।
कोचीन शिपयार्ड ने तैयार किया आधुनिक युद्धपोत
इस अत्याधुनिक जहाज का निर्माण कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (CSL) ने किया है। माहे-श्रेणी के कुल 8 पनडुब्बी रोधी पोत बनाए जा रहे हैं, जिनमें से यह पहला पोत आधिकारिक तौर पर भारतीय नौसेना को सौंपा गया है। बाकी सात पोत भी निर्धारित समयसीमा के अनुसार नौसेना के बेड़े में शामिल किए जाएंगे।
उथले पानी में दुश्मन पनडुब्बियों की पहचान में सक्षम
माहे-क्लास का यह युद्धक पोत दुश्मन की पनडुब्बियों का पता लगाने, उनका पीछा करने और उन्हें निष्क्रिय करने में सक्षम है।
इसकी खासियतें—
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उथले पानी में संचालन की क्षमता
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तटीय इलाकों की सुरक्षा के लिए उपयुक्त
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आधुनिक सेंसर और हथियार प्रणालियों से लैस
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तेज गति और उच्च गतिशीलता
यह पोत विशेष रूप से तटीय क्षेत्रों में बढ़ती समुद्री चुनौतियों को देखते हुए डिजाइन किया गया है।
नौसेना की सामरिक क्षमता में बढ़ोतरी
नए युद्धपोत के शामिल होने से तटीय सुरक्षा, निगरानी और पनडुब्बी-रोधी अभियान और प्रभावी होंगे। नौसेना अधिकारियों ने कहा कि आने वाले वर्षों में इस श्रेणी के बाकी जहाजों के शामिल होने से भारत की समुद्री शक्ति कई गुना बढ़ जाएगी।

