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Rishvat Maangane ka Maamala , जांजगीर। जिले में पुलिस विभाग की छवि को धूमिल करने वाले एक मामले में कठोर कार्रवाई की गई है। थाना बिर्रा में पदस्थ प्रधान आरक्षक अनिल सिंह अजगल्ले को एक पीड़ित महिला से रिश्वत मांगने के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। शिकायत सीधे जांजगीर SP के पास पहुंची, जिसके बाद बिना देरी किए हवलदार को लाइन अटैच कर दिया गया।
पीड़िता पहुंची थी मारपीट की शिकायत दर्ज कराने
सूत्रों के अनुसार, एक महिला अपने साथ हुई मारपीट की शिकायत दर्ज कराने के लिए बिर्रा थाने पहुंची थी। महिला ने अपनी सुरक्षा और न्याय की उम्मीद के साथ थाना चौखट पर कदम रखा, लेकिन वहां पदस्थ हेड कांस्टेबल ने उससे मामले को दर्ज करने के नाम पर पैसों की मांग की।पीड़िता इस व्यवहार से आहत हुई और उसने हिम्मत करते हुए सीधे पुलिस अधीक्षक से इसकी शिकायत की।
SP को मिली शिकायत, तत्काल कार्रवाई
जांजगीर चांपा के पुलिस अधीक्षक ने शिकायत को बहुत गंभीरता से लिया। सत्यापन के बाद उन्होंने प्रधान आरक्षक अनिल सिंह अजगल्ले पर तुरंत कार्रवाई करते हुए उसे निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया। साथ ही उसे बिर्रा थाने से हटाकर लाइन अटैच कर दिया गया है।
भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस
पुलिस प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि किसी भी थाना या चौकी में पीड़ितों से भेदभाव, रिश्वत मांगना या अनैतिक व्यवहार बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। SP ने सभी पुलिसकर्मियों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा है कि पुलिस सेवा का उद्देश्य जनता को न्याय दिलाना है, न कि उनकी मजबूरी का फायदा उठाना।
लोगों में बढ़ा भरोसा, कार्रवाई का स्वागत
इस त्वरित कार्रवाई के बाद स्थानीय लोगों में पुलिस प्रशासन के प्रति विश्वास और अधिक मजबूत हुआ है। नागरिकों का कहना है कि जब गलत करने वाले पर तुरंत कार्रवाई होती है, तब कानून व्यवस्था पर भरोसा बढ़ता है।
आगे भी चलेगी निगरानी
SP कार्यालय के अनुसार, जिले में पुलिस कर्मियों के आचरण पर लगातार नजर रखी जाएगी। यदि किसी भी प्रकार की भ्रष्टाचार की शिकायत मिलती है तो उसी तरह की कड़ी कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।जांजगीर पुलिस की इस कार्रवाई ने यह संदेश साफ तौर पर दे दिया है कि जब बात आम जनता के अधिकारों और न्याय की हो, तो भ्रष्टाचार के लिए विभाग में कोई जगह नहीं है।

