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नई दिल्ली। विद्युत नियामक आयोग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बिजली दरों में कोई वृद्धि न करने का फैसला किया है। यह लगातार छठा साल है जब प्रदेश में बिजली की दरें यथावत रखी गई हैं, जिससे लाखों उपभोक्ताओं को आर्थिक राहत मिली है।
उपभोक्ताओं के लिए बड़ी राहत
विद्युत नियामक आयोग के इस निर्णय से घरेलू, व्यावसायिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं को सीधे लाभ होगा। बिजली की स्थिर दरों से न केवल महँगाई पर नियंत्रण रखने में मदद मिलेगी, बल्कि उद्योगों और व्यापारियों को भी उत्पादन लागत को स्थिर रखने का अवसर मिलेगा।
पिछले वर्षों का रिकॉर्ड
पिछले पांच वित्तीय वर्षों में भी बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई थी। आयोग ने कहा कि इस निर्णय में उर्जा उत्पादन लागत, सरकारी सब्सिडी और वितरण कंपनियों की वित्तीय स्थिति का विस्तृत मूल्यांकन किया गया।
आयोग की टिप्पणी
विद्युत नियामक आयोग ने अपने बयान में कहा:
“हमारा प्रयास उपभोक्ताओं को स्थिर और सुलभ बिजली प्रदान करना है। लगातार छठे वर्ष दरों में वृद्धि न करना इसका प्रमाण है।”
भविष्य में नीति और स्थिरता
विशेषज्ञों का मानना है कि स्थिर बिजली दरों से न केवल उपभोक्ताओं की आर्थिक सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि राज्य में उद्योग और निवेश के अवसरों को भी बढ़ावा मिलेगा।

