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रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रशासनिक पारदर्शिता, समयपालन और कार्यकुशलता को बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए राज्य के सभी सरकारी कार्यालयों में आधार-आधारित बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली (AEBAS) लागू करने की प्रक्रिया को तेज कर दिया है। इसी क्रम में सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) ने 21 नवंबर को एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है, जिसके तहत आधार-सक्षम बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली अब सभी विभागों में अनिवार्य रूप से लागू की जाएगी।
28 नवंबर तक सभी विभागों को भेजनी होगी रिपोर्ट
जारी आदेश के अनुसार, राज्य के सभी कार्यालयों में कार्यरत शासकीय सेवकों की उपस्थिति अब AEBAS के माध्यम से दर्ज की जाएगी। इस संबंध में विभागों से संलग्न प्रारूप में 28 नवंबर 2025 तक अनिवार्य रूप से जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।
पूर्व में ई-ऑफिस प्रणाली हेतु नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की जा चुकी है। नए आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि ई-ऑफिस के नोडल अधिकारी ही AEBAS के नोडल अधिकारी होंगे, जो पूरे सिस्टम की मॉनिटरिंग और सुचारू संचालन सुनिश्चित करेंगे।
मंत्रालय में 20 नवंबर से ट्रायल रन, 1 दिसंबर से अनिवार्य
उधर, मंत्रालय में AEBAS का ट्रायल रन 20 नवंबर से शुरू कर दिया गया है। सरकार ने महानदी भवन और इंद्रावती भवन में नई प्रणाली को लागू करने का निर्णय लिया है।
19 नवंबर को मुख्य सचिव विकास शील की मौजूदगी में वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में नए सिस्टम का लाइव डेमो प्रस्तुत किया गया। बैठक में फेशियल ऑथेंटिकेशन आधारित उपस्थिति प्रणाली और दीवार पर लगाए गए आधार-सक्षम डिवाइसों के संचालन की विस्तृत प्रस्तुति दी गई।
ट्रायल पूरा होने के बाद 1 दिसंबर 2025 से मंत्रालय के सभी कर्मचारियों के लिए AEBAS के माध्यम से उपस्थिति दर्ज कराना अनिवार्य कर दिया जाएगा।
पारदर्शिता और समयपालन की दिशा में अहम कदम
सरकार का मानना है कि आधार-आधारित बायोमेट्रिक प्रणाली से उपस्थिति में पारदर्शिता बढ़ेगी, समयपालन की स्थिति बेहतर होगी और प्रशासनिक कामकाज अधिक सुचारू और जवाबदेह बनेगा।
सभी विभागों को आदेशित किया गया है कि वे जल्द से जल्द आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करें ताकि समय सीमा में AEBAS को पूर्ण रूप से लागू किया जा सके।

