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Digital Arrest , रायपुर। राजधानी रायपुर में साइबर ठगी का एक नया और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। रायपुर दक्षिण के विधायक सुनील सोनी को अज्ञात साइबर अपराधियों ने “डिजिटल अरेस्ट” करने की कोशिश की। यह वही तकनीक है जिसमें ठग सरकारी अधिकारी या सुरक्षा एजेंसी का रूप धारण करके किसी व्यक्ति को झूठे आरोपों में फंसाने का डर दिखाते हैं और उससे संवेदनशील जानकारी या पैसों की मांग करते हैं।
कश्मीर हमले का नाम लेकर दी धमकी
मिली जानकारी के अनुसार, यह घटना 19 नवंबर की शाम हुई। विधायक के पास अलग-अलग अज्ञात नंबरों से फोन कॉल आए। कॉल करने वालों ने खुद को जांच एजेंसी का अधिकारी बताते हुए दावा किया कि पहलगाम, कश्मीर में हुए आतंकी हमले की जांच में उनका मोबाइल नंबर ट्रेस हुआ है।
ठगों ने विधायक को डराने की कोशिश करते हुए कहा कि जब तक जांच पूरी नहीं होती, उन्हें मोबाइल के सामने ही रहना होगा— यानी उन्हें “डिजिटल अरेस्ट” कर दिया जाएगा।
साइबर ठगों का नया गेमप्लान
इस तरह की घटनाएँ पूरे देश में तेजी से बढ़ रही हैं, जहां ठग सरकारी एजेंसियों का नाम लेकर लोगों को मानसिक दबाव में डालते हैं। आमतौर पर ऐसे ठग पीड़ित से बैंक विवरण, ओटीपी या बड़ी रकम ट्रांसफर कराने की कोशिश करते हैं। हालांकि इस मामले में विधायक ने तुरंत ही कॉल की सत्यता पर संदेह किया और पुलिस को जानकारी दी।
एसपी को दी शिकायत, जांच शुरू
विधायक सुनील सोनी ने पूरे मामले की जानकारी जिला एसपी को दी है। पुलिस ने कॉल डिटेल्स और उपयोग किए गए नंबरों की जांच शुरू कर दी है। साइबर सेल भी इस मामले में शामिल हो गया है। अधिकारियों का कहना है कि इन कॉल्स के पीछे संगठित साइबर गैंग होने की आशंका है।
प्रशासन ने नागरिकों को किया सचेत
पुलिस ने इस घटना के बाद नागरिकों को चेतावनी दी है कि कोई भी सरकारी एजेंसी फोन पर इस तरह की धमकी नहीं देती, न ही किसी तरह का डिजिटल अरेस्ट करती है। ऐसे कॉल आने पर तुरंत पुलिस या साइबर हेल्पलाइन पर सूचित करें।
मामले में लगातार अपडेट जारी
घटना के सामने आने के बाद पूरे शहर में चर्चा तेज हो गई है। यह बेहद संवेदनशील मामला है क्योंकि ठगों ने एक जनप्रतिनिधि तक को निशाना बनाया। पुलिस ने कहा है कि जांच पूरी होने तक वे हर पहलू को गंभीरता से देख रहे हैं।
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