Let us know the important things related to the budget . टैक्स स्लैब में बदलाव नहीं, नए वित्त वर्ष की शुरुआत में ही लॉन्च होगी डिजिटल करेंसी, आइये जानते है बजट से जुड़ी अहम बातें…

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टैक्स स्लैब में बदलाव नहीं, नए वित्त वर्ष की शुरुआत में ही लॉन्च होगी डिजिटल करेंसी, आइये जानते है बजट से जुड़ी अहम बातें…

नई दिल्ली – उम्मीदों की लहर के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना चौथा बजट पेश कर दिया है। संसद में बजट स्पीच शुरू हो गई है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने मुस्कुराते हुए कहा कि मंत्रीजी आज डिजिटल बजट पढ़ रही हैं। बजट से पहले आपकी उम्मीदों पर आपसे ही राय मांगी थी। आपने ही कहा था कि आपको सबसे ज्यादा इंतजार इनकम टैक्स में बदलाव का है। टैक्स स्लैब में इस साल भी कोई बदलाव नहीं किया गया है। आरबीआई डिजिटल करेंसी लॉन्च करेगी, पर निवेश के पॉपुलर जरिए क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर 30% टैक्स लगा दिया है। बजट की और अहम बातें…

इसी साल लॉन्च होगी डिजिटल करेंसी: ब्लॉकचेन और अन्य टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए इसी साल आरबीआई डिजिटल रुपया जारी करेगी। इससे इकोनॉमी को बहुत अधिक बढ़ावा मिलेगा। क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर 30% का टैक्स लगाया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि वर्चुअल डिजिटल असेट्स के टैक्सेशन में बदलाव किया गया है। ऐसी किसी भी प्रॉपर्टी के ट्रांसफर पर 30% टैक्स लगेगा। कोई छूट नहीं मिलेगी। कॉरपोरेट टैक्स को 18% से घटाकर 15% कर दिया गया है।

निवेश के लिए 7.55 लाख करोड़: जी निवेश से रोजगार बढ़ाने में बड़े उद्योगों और MSME दोनों से मदद मिलती है। महामारी के असर से बाहर निकलने के लिए यह जरूरी है। निजी निवेशकों की क्षमता बढ़ाई जाएगी। इसके लिए केंद्रीय बजट में 5.54 लाख करोड़ रुपए से बढ़ाकर 7.55 लाख करोड़ का प्रावधान कर दिया गया है। क्लाइमेट चेंज से निपटने के लिए सॉवेरन ग्रीन बॉन्ड्स जारी किए जाएंगे। इससे मिलने वाली रकम को ऐसे प्रोजेक्ट्स में लगाया जाएगा, जो कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने में मददगार होंगे। सेमी कंडक्टर निर्माण के लिए इंडस्ट्री डेवलप की जाएगी। इससे निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा।

गेमिंग और एनिमेशन बनेंगे इकोनॉमी का हिस्सा: एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्, गेमिंग और कॉमिक्स यानी AVGC सेक्टर में रोजगार की असीम संभावनाएं हैं। ऐसे में AVGC प्रमोशन टास्क फोर्स इससे जुड़े सभी स्टाक होल्डर्स के साथ बातचीत करेगी। ऐसे रास्ते तलाशेगी जिससे हमारी घरेलू क्षमता के जरिए हम अपने बाजार और ग्लोबल मार्केट की जरूरतें पूरी कर सकें।

रोजगार और गरीबों के लिए ऐलान: PM गति शक्ति मास्टर प्लान के तहत एक्सप्रेसवे बनेंगे। नेशनल हाईवे नेटवर्क 25 हजार किमी तक बढ़ाया जाएगा। इस मिशन के लिए 20 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। हमारी कोशिश 60 लाख नए रोजगार का सृजन करने की होगी। गरीबों के लिए 80 लाख घर बनाए जाएंगे। 48000 करोड़ रुपए इसका बजट है। 2022-23 में ई-पासपोर्ट जारी किए जाएंगे, जिनमें चिप लगी होगी। विदेश जाने वालों को सहूलियत होगी। डाकघरों में भी अब एटीएम मिलेंगे।

MSME को 6 हजार करोड़: MSME को मजबूत करने के लिए नई योजनाएं शुरू होंगी। 5 साल में 6000 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। उदयम, ई-श्रम, NCS और असीम पोर्टल आपस में जुड़ेंगे। इससे इनकी संभावनाएं और ज्यादा बढ़ेंगी। अब ये लाइव ऑर्गेनिक डेटाबेस के साथ काम करने वाले प्लेटफॉर्म होंगे। इनसे क्रेडिट सुविधाएं मिलेंगी और आंत्रप्रेन्योरशिप के लिए संभावनाएं बनेंगी।

पीएम ई-विद्या प्रोग्राम का दायरा बढ़ा: महामारी के दौरान स्कूल बंद रहने से गांव के बच्चों को दो साल शिक्षा से वंचित रहना पड़ा। पीएम ई-विद्या के तहत ऐसे बच्चों के लिए एक क्लास-एक टीवी चैनल प्रोग्राम के तहत अब चैनल 12 से बढ़ाकर 200 कर दिए जाएंगे। ये चैनल क्षेत्रीय भाषाओं में होंगे। व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए तकनीक की मदद ली जाएगी। एक डिजिटल यूनिवर्सिटी की स्थापना की जाएगी।

400 नई पीढ़ी की वंदेमातरम ट्रेनें चलेंगी: 400 नई जनरेशन की वंदेभारत ट्रेनें अगले 3 साल के दौरान चलाई जाएंगी। 100 प्रधानमंत्री गतिशक्ति कार्गो टर्मिनल भी इस दौरान डेवलप किए जाएंगे। मेट्रो सिस्टम को डेवलप करने के लिए इनोवेटिव रास्ते अपनाए जाएंगे।

गंगा किनारे अब ऑर्गेनिक खेती: MSP का भुगतान सीधे किसानों के खाते में किया जाएगा। गंगा के किनारों के 5 किमी. के दायरे में आने वाली जमीन पर ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। खेती की जमीन के दस्तावेजों का डिजिटलीकरण होगा। राज्यों को एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के सिलेबस बदलने को कहा जाएगा, ताकि खेती की लागत को कम किया जा सके। फलों और सब्जियों की उन्नत किस्म अपनाने वाले किसानों की मदद के लिए राज्यों के साथ मिलकर काम करेंगे किसानों को डिजिटल सर्विस मिलेगी, जिसमें दस्तावेज, खाद, बीज, दवाई से संबंधित सेवाएं शामिल हैं।

अमृत काल का बजट: सबसे पहले मैं उन लोगों के लिए संवेदना जाहिर करती हूं, जिन्होंने कोविड महामारी में परेशानी झेली। हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं और यह अमृतकाल का बजट है, जो अगले 25 साल की बुनियाद रखेगा। आजादी के 75 साल से 100 साल तक का ब्लू प्रिंट पेश कर रही हूं।

महामारी के दौरान लोगों की जिंदगी भी बदली है और जरूरतें भी। ऐसे में बजट से उम्मीदें भी अलग ही हैं। तो महामारी के दौर में पेश किए जा रहे बजट की बातें इसी दौर की भाषा में करते हैं। सबसे बड़ी उम्मीद है इनकम टैक्स की राहत वाली वैक्सीन की, यानी टैक्स फ्री इनकम का दायरा बढ़ाना। महामारी से प्रभावित हुए किसान, छोटे-मंझोले व्यापारी और टूरिज्म सेक्टर को भी स्पेशल पैकेज के ऑक्सीजन की आस है। युवाओं को रोजगार का सपोर्ट चाहिए और इंडस्ट्री को लोन, टैक्स जैसी प्रोसेस में रिलैक्सेशन।

1. इनकम टैक्स: टैक्स फ्री इनकम का दायरा बढ़े, टैक्स स्लैब बदली जाएं

सर्वे में सबसे ज्यादा बात इनकम टैक्स की ही हो रही है। लोग चाहते हैं कि टैक्स फ्री इनकम का दायरा बढ़ाया जाए। 2014 में इनकम टैक्स की छूट 2 लाख से बढ़ाकर ढाई लाख की गई थी। इसके बाद यह नहीं बदली। 2020 में नई व्यवस्था आ गई, इसे ज्यादा लोगों ने अपनाया नहीं, इसमें सेविंग्स पर छूट नहीं थी।

2. नौकरीपेशा: वर्क फ्रॉम होम वर्कर्स को उम्मीदें, 80C का दायरा बढ़ाना बड़ी डिमांड

ज्यादातर नौकरीपेशा आजकल वर्क फ्रॉम होम कल्चर में ढल चुके हैं, भले वे सरकारी हों या फिर निजी कंपनी के वर्कर्स। उनका कहना है कि घर पर बिजली, इंटरनेट, सेटअप में खर्च होता है। ऐसे में उन्हें स्पेशल छूट की उम्मीद है। दूसरी उम्मीद 80C का दायरा बढ़ाए जाने की है, जो 2014 के बाद नहीं बढ़ा है।

80C यानी पेंशन स्कीम, बच्चों की फीस में 1.5 लाख की छूट

80C में 1.5 लाख की छूट, इसे 3 लाख करने की डिमांड

सर्वे के मुताबिक, 82% वर्कफ्रॉम होम वर्कर दफ्तर नहीं आना
चाहते

वर्क फ्रॉम होम वर्कर्स को स्पेशल अलाउंस दिया जा सकता है

3. किसान: सम्मान के साथ सब्सिडी का समाधान, दोनों करीब-करीब तय चुनावी साल है और इससे पहले ही दिल्ली में किसानों का आंदोलन खत्म हुआ है। बजट में भी किसानों को उम्मीदें कुछ ज्यादा हैं। सूत्रों के मुताबिक, उम्मीदें पूरी भी होंगी। इनमें दो अहम हैं। पहली- किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाना। दूसरी- PM किसान सम्मान निधि को बढ़ाया जाना। सब्सिडी बढ़ाने की भी डिमांड है।

4. हेल्थ सेक्टर-सोशल वेलफेयर: हेल्थ सेक्टर के बजट में भारी इजाफे की उम्मीद। कोरोना की तीसरी लहर जारी है। पिछली बार हेल्थ सेक्टर को 2.38 लाख करोड़ रुपए दिए गए थे। इस बार इसे 50% बढ़ाए जाने की उम्मीद है। इकोनॉमिक सर्वे के मुताबिक,पिछले दो साल हेल्थकेयर का खर्च 73% बढ़कर 4.72 लाख करोड़ रहा।

वैक्सीन मैन्यूफैक्चरिंग और बच्चों के लिए हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर पर फोकस रहेगा
मेडिकल और हेल्थ केयर वर्कर्स के लिए स्पेशल स्कीमों का ऐलान संभव
गरीबों और बेसहारा लोगों के लिए स्पेशल वेलफेयर स्कीम का ऐलान संभव
असंगठित यानी प्रवासी मजदूरों को भी मिल सकता है विशेष पैकेज का तोहफा

5. महिलाएं: महिला वित्त मंत्री से स्पेशल ऐलान की उम्मीद, इनमें टैक्स छूट भी

वित्त मंत्री खुद महिला हैं। ऐसे में देश की 60 करोड़ से ज्यादा महिलाओं को उम्मीदें भी हैं। महिलाओं की इनकम टैक्स छूट की सीमा बढ़ाई जा सकती है। गोल्ड बॉन्ड पर ब्याज और म्यूचुअल फंड में इन्वेस्टमेंट पर छूट बढ़ाई जा सकती है।

6. रेलवे: रेल किराया बढ़ना मुश्किल, पर नए प्रोजेक्ट फास्ट ट्रैक पर होंगे
उम्मीद है कि चुनावों के बीच नई सुविधाओं का ऐलान तो किया जा सकता है, पर किराया बढ़ने के आसार कम ही हैं। पिछले साल 1.10 लाख करोड़ का बजट रेलवे को दिया गया था, फिर भी इसे 26 हजार करोड़ से ज्यादा का घाटा हुआ है।

कोरोना में कमाई का जरिया माल ढुलाई तो फोकस फ्रेट कॉरिडोर पर रहेगा हल्की ट्रेनें, बुलेट ट्रेन के प्रोजेक्ट को रफ्तार देने के लिए पैकेज और निजीकरण, रानी कमलापति स्टेशन (हबीबगंज) की तर्ज पर दूसरे वर्ल्ड क्लास स्टेशन की घोषणा, यात्रियों की जेब पर बोझ नहीं पड़ेगा, किराया बढ़ने के आसार अभी कम

7. कारोबारी और GST की दरें: स्टार्ट अप में बूम के लिए स्पेशल ऐलान की उम्मीद

कोरोना के वक्त सबसे ज्यादा प्रभावित कारोबारी हुए। सरकार ने पिछले साल भी इस वर्ग से जुड़े सबसे बड़े सेक्टर MSME के लिए स्पेशल पैकेज दिया था। यह पैकेज 15 हजार 700 करोड़ रुपए का था। इस बार भी ऐसे ही स्पेशल पैकेज की उम्मीद की जा रही है, ताकि तीसरी लहर में ये सेक्टर ग्रो कर सके।

8. क्रिप्टोकरेंसी: सबसे पॉपुलर इन्वेस्टमेंट पर सस्पेंस, पर ऐलान की उम्मीद भी

मौजूदा समय में क्रिप्टोकरेंसी सबसे चर्चित और प्रचलित इन्वेस्टमेंट एरिया है। सरकार इस पर कानून लाने ही जा रही है। ऐसे में इसके रेगुलाइजेशन को लेकर बड़ी घोषणा की उम्मीद इन्वेस्टर्स कर रहे हैं। अभी सरकार क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ डिजिटल करेंसी बिल 2021 लाने जा रही है। क्रिप्टोकरंसी लीगल होगी या बैन, अभी तय नहीं।

भारत में एक करोड़ 70 लाख से ज्यादा क्रिप्टो इन्वेस्टर्स

निवेशकों को देखते हुए इस पर कमाई को नजरअंदाज करना
मुश्किल

इस पर अलग टैक्स लगाने का ऐलान हो सकता है

इन्वेस्टर्स की पहचान के लिए TDS-TCS लगाया जा सकता है

9. टूरिज्म: कोरोना से कमजोर हुए सेक्टर को चाहिए राहत की डोज
टूरिज्म सेक्टर को भी राहत की उम्मीद है, क्योंकि कोरोना में सबसे ज्यादा मार इसी पर पड़ी है। लॉकडाउन के वक्त महीनों तक इस इंडस्ट्री में भी ताला ही पड़ा रहा। ऐसे में इस सेक्टर को सहूलियत की आस है।

GDP में 6.8% हिस्सेदारी वाले सेक्टर को लोन मोरेटोरियम संभव

टूरिज्म को इंडस्ट्रियल सेक्टर के बराबर दर्जा मिलने की डिमांड

लोन और होटल रूम्स के किराये पर जीएसटी में रियायत संभव

बढ़ावा देने के लिए स्पेशल पैकेज और रियायतों का ऐलान संभव

10. इलेक्ट्रॉनिक्स: महामारी में लाइफ सेविंग गैजेट्स किफायती होने की उम्मीद
इलेक्ट्रॉनिक्स और मोबाइल के इक्विपमेंट पर कस्टम ड्यूटी को लेकर बड़ा ऐलान किया जा सकता है। कोरोना के दौरान स्मार्ट वॉच और स्मार्ट बैंड जैसे गैजेट्स की डिमांड बढ़ी है। इलेक्ट्रॉनिक्स में भारत ने 2021 में 16 अरब डॉलर का निर्यात किया है। 2018 की तुलना में दोगुना।

इलेक्ट्रॉनिक्स, मोबाइल पर कस्टम ड्यूटी रिवाइज्ड हो सकती है | इलेक्ट्रॉनिक्स का 65% आयात घटाने के लिए स्पेशल ऐलान संभव | इलेक्ट्रॉनिक्स अभी 28% के GST स्लैब में, इसे घटाया जा सकता है | स्मार्ट वॉच और स्मार्ट बैंड पर इम्पोर्ट ड्यूटी घटाई जा सकती है |

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