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नई दिल्ली, 13 नवंबर। अमेरिका में भारतीय वस्तुओं पर बढ़े आयात शुल्क की मार झेल रहे निर्यातकों के लिए केंद्र सरकार ने बड़ी राहत की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में 20,000 करोड़ रुपये की विशेष क्रेडिट गारंटी योजना (CGSE) को मंजूरी दे दी गई है।
इस योजना के तहत निर्यातकों को कम ब्याज दरों पर उनकी सीमा से 20 प्रतिशत अधिक जमानत-मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। इसका उद्देश्य उन भारतीय निर्यातकों को सहयोग देना है जो वैश्विक बाजार में शुल्क वृद्धि और प्रतिस्पर्धा की चुनौती से जूझ रहे हैं।
क्या है क्रेडिट गारंटी योजना (CGSE)?
सरकार की इस नई योजना का मकसद निर्यात बढ़ाना और विदेशी व्यापार को स्थिरता देना है। इसके तहत बैंकों को प्रोत्साहित किया जाएगा कि वे निर्यातकों को बिना अतिरिक्त गारंटी के ऋण सुविधा प्रदान करें।
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कुल फंड साइज: ₹20,000 करोड़
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लाभार्थी: लघु, मध्यम और बड़े निर्यातक
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लोन सुविधा: मौजूदा सीमा से 20% अधिक तक का ऋण
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ब्याज दर: सामान्य बाजार दर से कम
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव का बयान
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि मौजूदा वैश्विक आर्थिक और भू-राजनीतिक परिस्थितियों को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। उन्होंने कहा,
“कुछ देश अपनी व्यापारिक नीतियों के कारण अन्य देशों के लिए मुश्किलें पैदा कर रहे हैं। ऐसे माहौल में भारतीय निर्यातकों को संरक्षण और प्रतिस्पर्धा की क्षमता बढ़ाने के लिए सरकार यह योजना लेकर आई है।”
वैश्विक व्यापार पर असर
अमेरिका में आयात शुल्क बढ़ने के कारण भारतीय वस्त्र, इंजीनियरिंग और कृषि उत्पादों के निर्यात पर नकारात्मक असर पड़ा है। इस योजना के लागू होने से उम्मीद है कि भारतीय निर्यातक अपनी उत्पादन क्षमता और निर्यात ऑर्डर दोनों बढ़ा सकेंगे।
सरकार का लक्ष्य
सरकार का लक्ष्य है कि इस योजना के जरिये
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निर्यात में 15-20% की वृद्धि हो
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रोजगार सृजन को बढ़ावा मिले
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भारत का वैश्विक निर्यात बाजार में हिस्सा और मजबूत हो

