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Supreme court road safety, नई दिल्ली, 10 नवंबर: राजस्थान के फलौदी में हुए भीषण सड़क हादसे, जिसमें 15 लोगों की मौत और कई घायल हुए, पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान (Suo Motu Cognizance) लिया है। अदालत ने इस घटना को गंभीर मानते हुए राष्ट्रीय राजमार्गों की सुरक्षा व्यवस्था पर चिंता जताई और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) को दो सप्ताह में विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।
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आंध्र प्रदेश के हादसे पर भी लिया संज्ञान
सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में हाल ही में हुए सड़क हादसे का भी संज्ञान लिया। अदालत ने कहा कि दोनों राज्यों के मामलों को देखते हुए राष्ट्रीय स्तर पर सड़क सुरक्षा नीति तैयार करना जरूरी है। इसके लिए आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिव को पक्षकार बनाने और राष्ट्रीय राजमार्ग सुरक्षा के लिए ठोस नीति बनाने का निर्देश दिया गया।
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सड़क किनारे ढाबों और संरचनाओं की जानकारी मांगी
न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी और न्यायमूर्ति विजय विश्नोई की पीठ ने कहा कि हादसों की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए सड़क सुरक्षा को लेकर ठोस कदम उठाने की जरूरत है। अदालत ने NHAI से राजस्थान के सभी राष्ट्रीय राजमार्गों पर स्थित ढाबों, दुकानों और अन्य संरचनाओं की पूरी जानकारी मांगी। साथ ही सड़क की स्थिति और रखरखाव (road conditions) से जुड़ी रिपोर्ट भी दो सप्ताह में दाखिल करने को कहा गया है।
वरिष्ठ अधिवक्ता नाडकर्णी बने न्याय मित्र
अदालत ने मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता ए.एस. नाडकर्णी को न्याय मित्र (Amicus Curiae) नियुक्त किया। राजस्थान के मुख्य सचिव को पक्षकार बनाते हुए निर्देश दिया गया कि वे स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करें। राजस्थान सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने अदालत को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार पूर्ण सहयोग करेगी।
राजमार्ग सुरक्षा पर बढ़ी चिंता
सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी के बाद यह मामला देशभर के राष्ट्रीय राजमार्गों की सुरक्षा समीक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। अदालत ने कहा कि लोगों की जान की सुरक्षा सर्वोपरि है और अगर राजमार्गों पर अनधिकृत ढांचे या खराब सड़कों के कारण दुर्घटनाएं हो रही हैं, तो इसकी जवाबदेही तय की जाएगी।

