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उत्तर प्रदेश पुलिस के पूर्व डीएसपी ऋषिकांत शुक्ला के खिलाफ बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। जांच में सामने आया है कि शुक्ला ने एसओजी में तैनाती के दौरान ठेकेदारी, जमीन कब्जा और अवैध निर्माण के जरिए करीब 200 से 300 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित की है।
शिकायतकर्ता सौरभ भदौरिया ने आरोप लगाया है कि डीएसपी शुक्ला की संपत्तियां केवल “100 करोड़ रुपये की बाजार कीमत” तक सीमित नहीं हैं, बल्कि बेनामी संपत्तियों का जाल नोएडा, पंजाब और चंडीगढ़ तक फैला हुआ है। बताया जा रहा है कि कानपुर के आर्यनगर क्षेत्र में उनकी 11 दुकानें और कई प्लॉट हैं।
बेटे ने भी बनाई 33 कंपनियां
सूत्रों के मुताबिक, शुक्ला के बेटे विशाल शुक्ला ने अपराधी अखिलेश दुबे के साथ मिलकर 33 कंपनियां बनाई थीं। इन कंपनियों का मुख्य उद्देश्य काले धन को सफेद करना था।
फिलहाल एसआईटी (विशेष जांच टीम) ने 12 संपत्तियों की प्रारंभिक बाजार कीमत 92 करोड़ रुपये आंकी है, लेकिन माना जा रहा है कि वास्तविक आंकड़ा इससे कहीं अधिक हो सकता है।
निलंबन के बाद विजिलेंस जांच शुरू
फिलहाल मैनपुरी में तैनात डीएसपी ऋषिकांत शुक्ला को निलंबित कर दिया गया है। शिकायतकर्ता ने उनकी तत्काल बर्खास्तगी की मांग की है।
सूत्रों के अनुसार, अपर पुलिस महानिदेशक की संस्तुति के बाद अब पूरे मामले की विजिलेंस जांच शुरू की जा रही है।
जनता में उठे सवाल
यह मामला सामने आने के बाद पुलिस विभाग की ईमानदारी और छवि पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। लोग पूछ रहे हैं — “क्या ये अधिकारी जनता की सुरक्षा कर रहे थे या अपनी तिजोरियां भर रहे थे?”

