Thursday, October 30, 2025

अवैध अतिक्रमण को नगर निगम का संरक्षण?साकेत भवन से बालको मुख्यमार्ग के अतिक्रमण पर GPS फ़ोटो और लिखित शिकायत के बाद भी स्वछंदता की बानगी?

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*केशव साहू✍️BNA24 न्यूज़ कोरबा*

छत्तीसगढ़/कोरबा

 

कोरबा नगर पालिक निगम क्षेत्रान्तर्गत अवैध कार्रवाई को लेकर निगम प्रशासन की स्वच्छंदता का उदाहरण एक बार फिर देखने को मिला है जहां शिकायत के बाद भी कार्रवाई करने के बजाय अतिक्रमण करने वालो को कैसे संरक्षण दिया जा सकता है निगम प्रशासन के कार्यशैली से स्पष्ठ होना प्रतीत हो रहा है।

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वस्तुतः पूरा मामला अतिक्रमण से जुड़ा हुआ है कोरबा नगर पालिका निगम साकेत भवन से महज 500 मीटर बालको डेंगुरनाला की दूरी पर मुख्यमार्ग के किनारे दर्जनों की संख्या में लोग नीलगिरी पेड़ो की अवैध कटाई कर शासकीय भूमि पर अतिक्रमण करते हुए अवैध निर्माण कर व्यावसायिक दुकान और मकान का निर्माण करते हुए अवैध तरके से दुकानों के संचालन की तैयारियों में जुटे थे मामले की लिखित शिकायत करने के बाद भी विधिवत निर्माण और निगम क्षेत्रान्तर्गत निगम के निर्देशों पर आज्ञाकारिता का दावा करने वालो निगम प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों ने सभी दावों की धज्जियां उड़ाते हुए मूकदर्शक बनते हुए खुला संरक्षण देते हुए हुनके निर्माण पर किसी तरह की करवाई नही किया जिसका परिणाम सामने है सभी अतिक्रमण करने वाले अपने मंसूबों पर कामयाब हो गए और जिनका अधूरा है वो पूरा करने में लगे हुए है।

कोरबा नगर निगम के मुख्य कार्यालय के नाक के नीचे महज 500 मीटर की दूरी में हो रहे अतिक्रमण की शिकायत पर कार्रवाई का समय लगभग 3 माह बीत चुका है लेकिन शिकायत के बाद भी अब तक कार्रवाई नही होना अतिक्रमण को संरक्षण देने से कम नही है।

अपने कर्तव्य में स्वछंदता इस चरम सीमा में जा चुकी है कि संबंधित निगम के अधिकारियों को यह भी नही पता बालको मुख्यमार्ग में डेंगुरनाला के पास कौन सा अतिक्रमण संचालित है जबकि शिकायत में स्थानों का उल्लेख करते हुए बाकायदा गूगल GPS फ़ोटो भेजा गया है निगम अधिकारी को साकेत भवन से 500 मीटर के दायरे में कार्रवाई सुनिश्चित करने में तीन माह बीत चुके है लेकिन अब तक कार्रवाई नही होना संरक्षण का खुला उदाहरण है।

उल्लेखनीय है इसी तरह अतिक्रमण की सूची में अमरीश राठौर भी शामिल है जिन्होंने अवैध तरीके से आरामशीन मुख्य मार्ग में 11 KV टार के नीचे अपना व्यवसायिक भवन तान दिया अतिक्रमण की सूची लंबी है जिसमे शिकायत के बाद भी नगर निगम का खुला संरक्षण दिया गया।

चेकपोस्ट में सोसायटी संचालक प्रकाश साहू के द्वारा विद्युत विभाग के ट्रांसफर को भी नही बक्सा गया और बाकायदा 2 मंजिला व्यवसायिक दुकान बना दिया गया ।

उल्लेखनीय है कुछ दिन पूर्व एक दंपत्ति के मौत करेंट के लगने से हो गई थी सूत्रों की माने तो इस मकान के निर्माण के समय भी नगर निगम के भवन निर्माण अधिकारी ने अपना कर्तव्य नही निभाया था यदि भवन निर्माण शाखा द्वारा सुरक्षा को दृष्टिगत रख निरीक्षण किया जाता तो सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सकता था।

अवैध अतिक्रमण पर कार्रवाई को लेकर कोरबा नगर निगम पूरी तरह से फैलवर साबित हो रहा है पूरा शहर में अव्यवस्था व्याप्त है सड़को पे दुकान,बिना अनुमति भवनों का निर्माण निगम क्षेत्रो में कचरों का ढेर इस तरह दर्जनों अनियमितताओं से निगम की व्यवस्था सार्वजनिक है।

कोरबा निगम क्षेत्रों में अवैध निर्माण पर कार्रवाई लोगों की हैसियत और पहुच को देखकर होती है इसका उदाहरण यदि गिनाया जाए तो सूची लम्बी है।

निगम प्रशासन को चाहिए अतिक्रमण सहित सभी अवैध मामलों पर गंभीरता पूर्वक बिना किसी भेदभाव के कर्तव्यनिर्वाहन का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए आमजनों के बीच कार्यवाही को सुनिश्चित करे तानी नियमो के पालन के साथ सुव्यवस्था पर अव्यवस्था का ग्रहण न लगे और स्वच्छ,व्यवस्थित शहर की कल्पना धरातल पर भी उतना है परिपूर्ण रहे।

अब देखना होगा नगर निगम उपरोक्त मामलों पर कार्यवाई कब तक करती है साथ ही यह भी देखना कार्रवाई होती है या नही कही ऐसा तो नही संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों की स्वछंदता के कारण निगम के नियमों और निर्देशो की धज्जियां इसी तरह उड़ते रहे

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