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महासमुंद/सरायपाली : मामला जिला महासमुन्द के सरायपाली का है राजेश प्रधान जो सहायक शिक्षक के पद पर शासकीय प्राथमिक शाला बस्तीसरायपाली विकासखण्ड सरायपाली में पदस्थ है। राजेश प्रधान का जिला मेडिकल बोर्ड जिला-महासमुन्द (छ.ग.) के द्वारा जारी 50 प्रतिशत आँख से दिव्यांग प्रमाण पत्र के आरक्षण कोटा में प्रथम नियुक्ति हुआ है, लेकिन 50 प्रतिशत आँख की दिव्यांगता छिपाकर अर्थात् कार्यालय जिला परिवहन अधिकारी महासमुन्द (छ.ग.) भ्रमक जानकारी देकर ड्रायविंग लायसेंस भी बनवा डाला। मामला का खुलासा तब हुआ जब सूचना के अधिकार के तहत् अभिनय शाह ने जब जनसूचना अधिकारी कार्यालय विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी सरायपाली को जब राजेश प्रधान सहायक शिक्षक के व्दारा प्रथम नियुक्ति के समय प्रस्तुत दिव्यांग प्रमाण पत्र की सत्यप्रमाणित प्रतिलिपि जानकारी चाहीं गई। जानकारी प्राप्त होने के बाद आवेदक ने कार्यालय जिला परिवहन अधिकारी महासमुन्द (छ.ग.) में राजेश प्रधान का ड्रायविंग लायसेंस का सत्यापित कॉपी के लिए नकल आवेदन दिया, ड्रायविंग लायसेंस का कॉपी मिलने के बाद चौंकाने वाले तथ्य सामने आएं। राजेश प्रधान का दिव्यांग प्रमाण पत्र जिला मेडिकल बोर्ड जिला- महासमुन्द (छ.ग.) के व्दारा जारी दिव्यांग प्रमाण पत्र क्रमांक 301 जारी दिनाँक – 26/06/2007 के अनुसार राजेश प्रधान पिता श्री गोपाल प्रधान 50 प्रतिशत आँख से दिव्यांग है। दिव्यांग प्रमाण पत्र का नवीनीकरण तिथि 06/07/2010 एवं 07/08/2013 और 24/08/2015 में नवीनीकरण भी किया गया है। राजेश प्रधान के द्वारा आँख से 50 प्रतिशत दिव्यांग प्रमाण पत्र का लाभ लेकर दिव्यांग आरक्षण कोटा से सहायक शिक्षक भर्ती वर्ष 2011-12 में चयनित हुआ है। राजेश प्रधान वर्तमान में सहायक शिक्षक के पद में शासकीय प्राथमिक शाला बस्तीसरायपाली, विकासखण्ड-सरायपाली, जिला-महासमुन्द (छ.ग) पदस्थ है। राजेश प्रधान व्दारा ड्रायविंग लायसेंस आवेदन क्रमांक – 4138276925 एवं लायसेंस क्रमांक – CG06 20160004695 लाइसेंस जारी दिनाँक – 14/10/2016 के अनुसार राजेश प्रधान पिता गोपाल प्रधान का लाइसेंस कैटेगरी – LMV एवं MCWG का लाइसेंस जिला परिवहन अधिकारी महासमुन्द (छ.ग.) के व्दारा जारी किया गया है। शिकायतकर्ता ने इस सम्बन्ध में परिवहन विभाग से जानकारी पता किया तो पता चला कि 50 प्रतिशत दिव्यांग आँख व्यक्ति का ड्रायविंग लायसेंस बनना संभव ही नहीं है, इससे यह स्पष्ट होता है कि राजेश प्रधान सहायक शिक्षक ने ड्रायविंग लायसेंस बनाते समय स्वयं घोषणा पत्र (जो ड्रायविंग लायसेंस बनाते समय फार्म भरना पड़ता है) में अपनी दिव्यांगता को छिपाई है अर्थात् परिवहन विभाग को भ्रमक जानकारी देकर ड्रायविंग लायसेंस बनवाया है। दिव्यांग प्रमाण पत्र की छायाप्रति और ड्रायविंग लायसेंस का छायाप्रति संलग्न कर मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन, राज्यपाल राजभवन छत्तीसगढ़, गृहमंत्री छत्तीसगढ़ शासन, स्कूल शिक्षा मंत्री छत्तीसगढ़ शासन, परिवहन मंत्री छत्तीसगढ़ शासन, मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ शासन, पुलिस महानिदेशक पुलिस मुख्यालय छत्तीसगढ, आयुक्त परिवहन छत्तीसगढ़, आयुक्त रायपुर संभाग रायपुर छत्तीसगढ़, पुलिस महानिरीक्षक रायपुर रेंज छत्तीसगढ़ संचालक लोक शिक्षण संचालनालय छत्तीसगढ़, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी रायपुर छत्तीसगढ़, संभागीय संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग रायपुर, कलेक्टर महासमुन्द, पुलिस अधीक्षक महासमुन्द, जिला परिवहन अधिकारी महासमुन्द, जिला शिक्षा अधिकारी महासमुन्द, अपर कलेक्टर सरायपाली, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) सरायपाली, अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) सरायपाली, थाना प्रभारी थाना सरायपपाली में शिकायतकर्ता ने लिखित शिकायत प्रस्तुत व प्रेषित किया। इस तरह 50 प्रतिशत आँख दिव्यांग व्यक्ति का वह भी शासकीय सेवक का बनना बड़ा ही दुर्भाग्य का विषय है, वाहन चलाते समय ऐसे व्यक्ति कम दिखने के कारण बच्चों, महिलाओं, बुजुर्गों को ठोकर मार दिया जाता है तो इसकी जिम्मेदारी किसी होगी। हमेशा अप्रिय घटना घटित होने की संभावना नहीं रहेगी


