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कार्तिक मास में मनाए जाने वाले छठ महापर्व पूजा पूरे भारत वर्ष में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है, इसी क्रम में बस्तर संभाग मुख्यालय जगदलपुर में भी अनेक तालाब,नदी घाट में डूबते सूरज को अर्ध्य देकर छठ महापर्व मनाया गया। आपको बता दें कि हिंदू धर्म में छठ महापर्व का विशेष महत्व है, जो भगवान सूर्य और छठी मैया को समर्पित है। यह त्योहार भक्ति, संयम और पवित्रता का प्रतीक है। वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास की षष्ठी तिथि से शुरू होने वाला यह चार दिवसीय पर्व शनिवार 25 अक्टूबर से शुरू होकर मंगलवार 28 अक्टूबर को समाप्त होगा। छठ महापर्व चार दिनों तक चलने वाला एक अत्यंत पवित्र और कठोर अनुष्ठान है, जिसकी शुरुआत 25 अक्टूबर को ‘नहाय-खाय’ से हुई है, जिसमें व्रती स्नान कर सात्विक भोजन ग्रहण करते हैं। पर्व का दूसरा दिन, 26 अक्टूबर को ‘खरना’ हुआ है, जब दिनभर का निर्जला व्रत सूर्यास्त के बाद गुड़ की खीर से तोड़ा जाता है। तीसरा दिन, 27 अक्टूबर, सबसे महत्वपूर्ण होता है, जिसे ‘संध्या अर्घ्य’ कहा जाता है। देश भर में संध्या अर्घ्य प्रारंभ हो चुका है,वहीँ 28 अक्टूबर को उगते सूर्य को अर्ध्य देने के साथ ही इस महा पर्व की समापन होगी।

