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वैदिक पंचांग के अनुसार बुधवार, 15 अक्टूबर को कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की नवमी और दशमी तिथि है। हिंदू धर्म में बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित माना जाता है। इस दिन श्रद्धालु भक्ति भाव से गणेश जी की पूजा-अर्चना करते हैं और मनोकामना पूर्ण होने के लिए व्रत भी रखते हैं।
ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि बुधवार को गणेश जी की विधि-विधान से पूजा करने पर जीवन की हर बाधा दूर होती है और आर्थिक विषमताएं समाप्त होती हैं। पूजा के समय गणपति के विशेष मंत्रों का जप करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। पूजा के अंत में गणेश आरती का पाठ कर भगवान का आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है।
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गणेश मंत्रों का महत्व
पूजा के समय “ॐ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ” जैसे शक्तिशाली मंत्रों का जप करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। वहीं, “ॐ श्रीं गं सौभाग्य गणपतये नमः” का जप करने से सौभाग्य और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होता है।
गणेश जी की आरती
आरती ‘जय गणेश देवा, माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा’ का भावपूर्वक गान करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आरती के समय गणेश जी को मोदक, लड्डू और फल अर्पित करने से वह शीघ्र प्रसन्न होकर अपने भक्तों की झोली खुशियों से भर देते हैं।