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Custom Milling Crisis रायपुर| छत्तीसगढ़ में राइस मिलिंग उद्योग इस समय गंभीर संकट से गुजर रहा है। बीते खरीफ सीजन के अधिशेष धान से तैयार चावल को सेंट्रल पूल में भेजने के लिए केंद्र सरकार से मिली 8 लाख मीट्रिक टन चावल की स्वीकृति के बावजूद, रेलवे रैक की अनुपलब्धता ने मिलिंग व्यवस्था को लगभग ठप कर दिया है।
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राज्य के करीब 90% राइस मिलों में कार्य रुक चुका है, क्योंकि मिलों में तैयार चावल का ढेर जमा हो गया है और अब स्टोरेज की भारी किल्लत के चलते मिलर्स नया धान उठाने की स्थिति में नहीं हैं।
मिलर्स ने उठाई आवाज़
छत्तीसगढ़ राइस मिलर्स एसोसिएशन के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष योगेश अग्रवाल ने राज्य सरकार से मांग की है कि रेक की व्यवस्था तत्काल कराई जाए ताकि तैयार चावल का स्टॉक हटाकर नया धान उठाया जा सके।
उनका कहना है कि यदि समय पर रेक उपलब्ध नहीं कराई गई तो आने वाले दिनों में धान मिलिंग पूरी तरह ठप हो सकती है, जिससे न केवल मिलर्स बल्कि किसानों को भी नुकसान उठाना पड़ेगा।