Saturday, October 18, 2025

‘भारत पर ये टैरिफ यूक्रेन में शांति के लिए’, ट्रंप को नहीं भा रही मोदी-पुतिन की दोस्ती; कोर्ट में दिया ये अजीब तर्क

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नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने अदालत के उस फैसले को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है, जिसमें उनके ज्यादातर व्यापक टैरिफ को अवैध करार दिया गया था। अदालती दस्तावेजो में ट्रंप प्रशासन ने तर्क दिया है कि ये टैरिफ यूक्रेन में शांति के लिए हमारे प्रयासों का एक महत्वपूर्ण पहलू हैं।

प्रशासन ने कहा, “राष्ट्रपति ने हाल ही में यूक्रेन में रूस के युद्ध के संबंध में पहले से मौजूद राष्ट्रीय आपातकाल से निपटने के लिए रूसी ऊर्जा उत्पादों की खरीद के लिए भारत के खिलाफ टैरिफ को अधिकृत किया है, जो उस युद्धग्रस्त देश में शांति के लिए उनके प्रयास का एक महत्वपूर्ण पहलू है।”

‘टैरिफ के बिना गरीब देश होगा अमेरिका’

27 अगस्त को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने भारत पर टैरिफ दोगुना करके 50 प्रतिशत कर दिया। दाखिल दस्तावेज में कहा गया है कि टैरिफ के साथ अमेरिका एक अमीर राष्ट्र है और इसके बिना वह एक गरीब राष्ट्र है।

दाखिल दस्तावेज में कहा गया है, “राष्ट्रपति के मुताबिक एक साल पहले संयुक्त राज्य अमेरिका एक मृत देश था, और अब, हमारे साथ इतना बुरा व्यवहार करने वाले देशों की ओर से दिए जा रहे खरबों डॉलर के भुगतान के कारण अमेरिका फिर से एक मजबूत, आर्थिक रूप से व्यवहार्य और सम्मानित देश है।”

अमेरिकी अदालत ने क्या सुनाया था फैसला?

पिछले सप्ताह एक अमेरिकी अपील अदालत ने फैसला सुनाया कि ट्रंप की ओर से लगाए गए कई टैरिफ अवैध थे, लेकिन टैरिफ को यथावत रहने दिया गया ताकि प्रशासन को इसे सर्वोच्च न्यायालय में ले जाने के लिए अक्टूबर के मध्य तक का समय मिल सके। अदालत ने यह भी कहा कि टैरिफ ने वैश्विक व्यापार को प्रभावित किया है।

फैसले ने निचली अदालत के इस निष्कर्ष की पुष्टि की कि ट्रंप ने व्यापक शुल्क लगाने के लिए आपातकालीन आर्थिक शक्तियों का प्रयोग करते हुए अपने अधिकार का अतिक्रमण किया था।

ट्रंप ने की अदालत के फैसले की आलोचना

ट्रंप ने इस फैसले की कड़ी आलोचना की थी और ट्रुथ सोशल पर पोस्ट किया था कि अपील अदालत ने गलत कहा है कि हमारे टैरिफ हटा दिए जाने चाहिए, लेकिन वे जानते हैं कि अंततः संयुक्त राज्य अमेरिका ही जीतेगा। उन्होंने यह भी कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट की मदद से इसका विरोध करेंगे।

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