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नई दिल्ली।’ बिहार विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में बड़ा संगठनात्मक फेरबदल होने की उम्मीद है। भाजपा चाहती है कि चुनाव नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के नेतृत्व में लड़ा जाए। मौजूदा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा को पहले ही दो बार विस्तार मिल चुका है। अब जल्द नया चेहरा लाने की तैयारी है।
अध्यक्ष के चयन में इतनी देरी 3 कारणों से चलते हुई है। पहला RSS और भाजपा नेताओं ने अब तक 100 से ज्यादा सीनियर लीडर्स से राय ली है। इनमें पूर्व अध्यक्ष, केंद्रीय मंत्री और संवैधानिक पदों पर रहे नेता शामिल हैं।
दूसरा हाल ही में जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद 9 सितंबर को उपराष्ट्रपति चुनाव होना है। भाजपा चाहती है कि उसके उम्मीदवार महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन को बड़ी जीत मिले। इसी वजह से पूरा फोकस फिलहाल इस चुनाव पर है।
पार्टी संविधान के मुताबिक, राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव तभी हो सकता है जब कम से कम 19 राज्य इकाइयों में निर्वाचित अध्यक्ष हों। अभी यूपी, गुजरात, कर्नाटक समेत 7 राज्यों में चुनाव अध्यक्ष का चुनाव होना बाकी है।