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कोरबा। केंद्रीय और क्षेत्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर बुधवार को देशभर में श्रमिकों ने हड़ताल शुरू कर दी है। इसका असर छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले की कोयला खदानों में साफ तौर पर दिखाई दे रहा है।
कोयला श्रमिक नए श्रम संहिता, बढ़ते निजीकरण, न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपये करने, पुरानी पेंशन योजना लागू करने और ग्रामीण क्षेत्रों की बिगड़ती आर्थिक स्थिति जैसी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
कोरबा में प्रथम पाली से ही कामकाज प्रभावित हुआ है। खदानों के बाहर बड़ी संख्या में श्रमिक एकत्र होकर नारेबाजी कर रहे हैं। श्रमिक नेताओं ने कहा कि श्रम कानूनों में बदलाव मजदूर हितों के खिलाफ है और सरकार को इसे वापस लेना होगा।
हड़ताल के चलते कोयला उत्पादन व ढुलाई कार्य भी बाधित हो गया है। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं किया गया तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
इधर, प्रशासन और प्रबंधन की ओर से शांति बनाए रखने की अपील की गई है। सुरक्षा व्यवस्था के लिए खदान क्षेत्रों में अतिरिक्त बल भी तैनात किया गया है।