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राजनांदगांव :- शासन द्वारा आम जनता को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने आयुष्मान कार्ड उपलब्ध कराएं जा रहा शासन का नियम है की निजी नर्सिंग होम में मरीजों का ईलाज कार्ड से ही होगा उसके बाद भी नर्सिंग होम संचालक द्वारा मरीजों राशि ली जा रही इससे साफ जाहिर होता है कि सरकार से किसी भी तरह कोई डर भय नहीं है शासन को कोई ठोस कदम उठाना ही होगा मरीजो से नगद राशि तो लिया जा रहा है और कोई रसीद नहीं दिया जा रहा है मरीज परेशान हैं शहर के निजी अस्पतालों में लगातार इलाज में लापरवाही की शिकायत मिल रही है।
शिवसेना के जिलाध्यक्ष आकाश सोनी ने बताया की फिर निजी अस्पताल की लापरवाही और अवैध वसूली का मामला खपरिकला के एक मरीज का जो कि पथरी के इलाज के लिये शहर के निजी अस्पताल साँई कृपा हॉस्पिटल में भर्ती हुआ। निजी अस्पताल में मरीज का ऑपरेशन हुआ और कुछ दिनों में मरीज की तबियत ज्यादा खराब हुई और दोबारा अस्पताल पहुंचा तो मरीज को संजीवनी अस्पताल जाकर इलाज करवाने कहा गया। फिर जब मरीज शहर के दूसरे निजी अस्पताल संजीवनी हॉस्पिटल पहुंचा अस्पताल प्रबंधन द्वारा आयुष्मान कार्ड से इलाज के बाद जांच और दवा के नाम पर 50 हजार नगद रुपये की वसूली की गई। जिसकी कोई राशिद मांगने के बाद भी नही दिया गया। और लगभग 20 हजार रुपयों की मांग की गई। जिसकी शिकायत मरीज के परिवार वालो ने शिवसेना के जिलाध्यक्ष सहित पदाधिकारियों से एवं जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से की। शिकायत मिलने के बाद शिवसैनिकों ने अस्पताल पहुंच कर प्रबंधन से अवैध वसूली बंद करने की मांग की, और इलाज में लापरवाही नही बरतने की बात भी कहा। और शिवसेना के पदाधिकारियों ने इस लापरवाही एवं अवैध वसूली की शिकायत कलेक्टर एवं जिला चिकित्सा अधिकारी को ज्ञापन सौंप कर की। जिलाध्यक्ष सोनी ने कहा निजी अस्पतालों की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए जिला प्रशासन को कोई ठोस कार्यवाही करनी चाहिए। शिवसैनिकों द्वारा बीते कुछ महीनों पहले शहर के 1 और निजी अस्पताल एन.बी. केयर की लापरवाही से जान जाने की शिकायत जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी से की थी, टीम भी गठित हुई लेकिन अब तक कोई कार्यवाही नही हुई। ऐसे में जिला के मुख्य अधिकारियों की भूमिका भी संदेहास्पद लग रही है।