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सारंगढ़, बिलाईगढ़। सारंगढ़ की जनता एक बार फिर राजनीति और प्रभावशाली लॉबी का शिकार बन गई है। बहुप्रतीक्षित स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. वंदना चौधरी की नियुक्ति से पहले ही डॉ. आर. एल. सिदार और डॉ. सुरेश खूंटे के ट्रांसफर आदेश में संशोधन कर दिया गया, जिससे डॉ. चौधरी की तैनाती अधर में रह गई।
सूत्रों के अनुसार, पिछले 25 वर्षों से सारंगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जमे हुए डॉ. आर. एल. सिदार और डॉ. खूंटे का स्थानांतरण कुछ दिन पहले ही आदेशित हुआ था। लेकिन प्रभाव और कथित आर्थिक लेन-देन के चलते दोनों को फिर से सारंगढ़ में यथावत बनाए रखा गया।
गौरतलब है कि दोनों डॉक्टरों का निजी अस्पताल भी क्षेत्र में संचालित है, जिसके कारण सरकारी अस्पताल में उपस्थिति और सेवाओं पर लगातार सवाल उठते रहे हैं। इस स्थिति से सारंगढ़ क्षेत्र की महिलाओं को विशेष तौर पर नुकसान हो रहा है, जिन्हें उचित स्त्री रोग विशेषज्ञ की सख्त आवश्यकता है।
इस मुद्दे को लेकर NSUI के जिला अध्यक्ष अभिषेक शर्मा ने मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने कहा, यह जनता के साथ खुला अन्याय है। जिन डॉक्टरों का ट्रांसफर हो चुका था, उन्हें आर्थिक दबाव और सिफारिश के बल पर वापस लाया गया। जब तक ऐसे डॉक्टरों को यहां से स्थानांतरित नहीं किया जाएगा, सारंगढ़ की जनता को सही स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल सकतीं।
अभिषेक शर्मा ने आगे जानकारी दी कि इस पूरे मामले को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया है। अगर जल्द ही उचित कार्रवाई नहीं होती है, तो NSUI सड़क पर उतरकर आंदोलन करने को मजबूर होगी।
इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर सारंगढ़ में स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली और राजनीतिक हस्तक्षेप पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्षेत्र की जनता अब यह जानना चाहती है कि आखिर कब तक सारंगढ़ के स्वास्थ्य ढांचे के साथ ऐसा खिलवाड़ होता रहेगा?