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लोरमी/मुंगेली। केंद्रीय सुरक्षा बलों में फर्जी दस्तावेजों के जरिए नौकरी दिलाने के संगठित रैकेट का भंडाफोड़ मुंगेली पुलिस ने किया है। मामले में उत्तर प्रदेश के दो युवकों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है। यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल के निर्देशन में की गई।
मामले की शुरुआत 6 जून 2025 को हुई, जब योगेन्द्र कुमार (पिता प्रेमशंकर बघेल) एवं प्रशांत राजपूत (पिता मानसिंह) नामक दो युवक पुलिस कार्यालय मुंगेली पहुंचे और ग्राम कंतेली निवासी बताकर विशाल पिता यशपाल सिंह के चरित्र सत्यापन के संबंध में जानकारी प्राप्त करने की कोशिश करने लगे। उनकी गतिविधियां संदिग्ध प्रतीत होने पर तत्काल जानकारी पुलिस अधीक्षक को दी गई।
प्रकरण की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नवनीत कौर छाबड़ा और उप पुलिस अधीक्षक नवनीत पाटिल के नेतृत्व में थाना लालपुर, साइबर सेल और जिला विशेष शाखा की संयुक्त टीम गठित कर जांच शुरू कराई। जांच टीम जब ग्राम कंतेली पहुंची तो सरपंच प्रतिनिधि, कोटवार एवं अन्य ग्रामीणों ने विशाल नामक किसी व्यक्ति के गांव में रहने की जानकारी से साफ इनकार किया।
पुलिस पूछताछ में योगेन्द्र ने स्वयं को अंडला थाना खैर, जिला अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश) का निवासी और प्रशांत ने डौकी थाना डौकी, जिला आगरा (उत्तर प्रदेश) का निवासी बताया। उन्होंने बताया कि वे 2 जून 2025 को उत्तर प्रदेश से आकर बिलासपुर स्थित होटल अम्बे पैलेस में ठहरे थे। उन्होंने फतेहाबाद, उत्तर प्रदेश निवासी विशाल के लिए ग्राम कंतेली, जिला मुंगेली का फर्जी निवास प्रमाण पत्र तैयार कराया और इसी के आधार पर उसे बीएसएफ में नौकरी दिलाई।