गरियाबंद. सरकार ने बारिश के पहले यानी जून माह के भीतर तीन माह का राशन एक साथ देने का निर्देश जारी किया था. 5 जून से वितरण जारी हुआ है. 18 जून तक जिले के 358 राशन दुकानों में मौजूद 2 लाख 14309 उपभोक्ताओं में से महज 758818 उपभोक्ताओं को यानी 35 फीसदी काे ही राशन वितरण किया जा सका है.
सिस्टम स्लो बताकर पास मशीन के बजाए अपग्रेड एल 1 स्कैनर फास्ट प्रोसेस मशीन 18 जून को सभी राशन दुकानों में वितरण किया गया, किंतु यह नई मशीन भी कोई खास कमाल नहीं कर पाई.गुरुवार को एक दिन में जिलेभर में महज 5199 उपभोक्ताओं को यानी 2.46 प्रतिशत को ही राशनत वितरण किया जा सका. अब शेष बचे 1 लाख 33274 उपभोक्ताओं को शेष 10 दिनों में राशन पूरा बाट पाना संभव नहीं है. राशनत वितरण का प्रतिशत काफी कम को लेकर विभाग भी चिंतित है.
वितरण को चुनौती भी मान रहे, लेकिन नए मशीन पर विभाग ने जरूरत से ज्यादा भरोसा कर लिया है. सहायक जिला खाद्य अधिकारी सुधीर गुरु ने कहा कि पहले ई पास मशीन एल जीरो था, अब इसे फास्ट प्रोसेसिंग मशीन में अपग्रेडेड का एल वन स्कैनर में तब्दील किया गया है, जो हितग्राही के अंगूठे के निशान को जल्द से स्कैन कर लेगी. पहले की तरह भारी भरकम नहीं मोबाइल साइज का है, जिसे आसान से केरी किया जा सकेगा. फोर जी नेटवर्क सपोर्ट करेगा. पहले की तुलना में कई गुना ज्यादा फास्ट चलेगा. इससे वितरण की प्रकिया तेजी से आगे बढ़ेगी.
वितरण में देरी की वजह जानने को देवभोग राशन दुकान पहुंची, इस दुकान में 1200 राशन कार्ड धारी हैं, लेकिन पिछले एक सप्ताह में केवल 180 कार्डधारी को राशन वितरण किया जा सका है. नए फास्ट प्रोसेस मशीन चला रहे सेल्समैन सचिन टांडिया ने कहा कि पहले के पास मशीन की तरह यह भी है इसलिए आज नए मशीन से 6 घंटे में केवल 33 लोगों को ही राशन बांट पाया. मशीन को अपग्रेट कर साइज छोटा किया गया है. यह मशीन 4जी नेटवर्क से चल रहा है.
काम की गति में कोई अंतर नहीं है. प्रति माह के वितरण में चावल और शक्कर के लिए दो ओटीपी बताना होता है. तीन माह के राशन के लिए इस प्रकिया का सामना 6 बार करना पड़ता है. उन्होंने बताया, नेटवर्क ठीक रहा तो कम से कम एक हितग्राही की प्रकिया को पूरी करने में 15 से 20 मिनट लग रहा है. नेटवर्क विहीन इलाके में यही प्रकिया घंटों लग रहा है. ज्यादा प्रगति नहीं ला पा रहे हैं.
राशन लेने पहुंचे उपभोक्ता गिरधारी नायक, मुरलीधर ठाकुर समेत दर्जनभर महिलाओं ने कहा कि घर का काम काज छोड़ पिछले पांच से 6 दिनों से रोजाना आ रहे. जमा हुए राशन कार्ड को क्रम से उठाया जा रहा है. छठवें दिन बाद भी हमारा नम्बर नहीं लग पा रहा. घर के काम काज छोड़कर आ रही महिलाओं ने भी राशन लेने को टेढ़ी खीर बताया.
जिले के पांच ब्लॉक में सर्वाधिक फिंगेश्वर ब्लॉक में गुरुवार को नए मशीन से 1684 उपभोक्ताओं को राशन बांटा गया. मैनपुर ब्लॉक में 976, गरियाबंद में 899, देवभोग में 836 और छुरा में केवल 794 उपभोक्ताओं को राशन वितरण किया जा सका. जिले में अब 1लाख 33274 उपभोक्ताओं को राशन वितरण करना शेष है.