सारंगढ़-बिलाईगढ़, सरसीवा: ग्राम झुमका के दो किसानों गणपत साहू और सोनी कुमार टंडन ने लक्ष्मी बीज भंडार एवं कृषि केंद्र, सरसीवा पर खराब गुणवत्ता वाला खरबूजा बीज बेचने का गंभीर आरोप लगाया है। किसानों का कहना है कि दुकानदार ने बीज को “उन्नत गुणवत्ता वाला” और “रोग प्रतिरोधक क्षमता युक्त” बताते हुए उन्हें गुमराह किया। लेकिन बीज बोने के बाद पौधों में गंभीर बीमारियाँ आ गईं, जिससे पूरी फसल नष्ट हो गई।
गणपत साहू ने इस वर्ष 3 एकड़ में और सोनी कुमार टंडन ने ढाई एकड़ में खरबूजा की खेती की थी। दोनों किसानों की लागत लगभग 1.5 से 2 लाख रुपए प्रति व्यक्ति आई थी। उनका कहना है कि अगर फसल अच्छी होती, तो उन्हें 15 से 20 लाख रुपये तक का लाभ मिल सकता था।
किसानों ने बताया कि उन्होंने बीज खरीदने के तुरंत बाद खेतों की देखभाल और औषधियों पर भी भरपूर खर्च किया, लेकिन बीज की खराब गुणवत्ता के कारण पौधे पनपे ही नहीं। साथ ही यह भी पता चला कि लक्ष्मी बीज भंडार के पास उद्यानिकी सब्जियों के बीज बेचने का वैध लाइसेंस तक नहीं है, फिर भी वह खुलेआम किसानों को ठग रहा है।
किसानों द्वारा उद्यान विभाग को पहले ही शिकायत दी जा चुकी थी, जिस पर 29 मई 2025 को विभागीय टीम ने दुकान की जांच भी की। लेकिन किसानों का आरोप है कि यह जांच केवल खानापूर्ति तक सीमित रही — न तो दोषी दुकानदार पर कार्रवाई की गई, न ही किसानों को कोई मुआवजा मिला। उल्टा, जांच के बाद संदिग्ध बीज दुकान से हटवा लिए गए, जिससे साक्ष्य मिटा दिए गए।
किसानों की मांग है कि:
दोषी बीज विक्रेता पर वैधानिक कार्रवाई की जाए।
और उद्यान विभाग की लापरवाही की उच्च स्तरीय जांच हो।
ग्रामीण क्षेत्रों में इस प्रकार की ठगी अगर विभागों की मिलीभगत या लापरवाही से दबाई जाती रही, तो खेती पर से किसानों का भरोसा उठता जाएगा। यह सिर्फ आर्थिक नहीं, बल्कि भावनात्मक नुकसान भी है, जिसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।