कोरबा जिला में इन दोनों सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा कर अतिक्रमण की शिकायत कोई नहीं बात नहीं रह गई है हालांकि मामला संज्ञान में आने के बाद संबंधित अधिकारी कर्मचारी कार्रवाई करते हैं।
इसी तरह का ताजा उदाहरण दर्री के मुख्य मार्ग में सामने आया है जहां लक्ष्मी इंजीनियरिंग वर्कस के संचालक तुलसी वैष्णव के द्वारा सिंचाई विभाग के बाउंड्री वॉल को तोड़ते हुए मुख्य मार्ग में खुलेआम व्यावसायिक प्रतिष्ठान बना दिया। जानकारी की माने तो उनके निर्माण को लेकर संबंधित विभाग के अधिकारी और कर्मचारी अतिक्रमण के संबंध में कार्रवाई के लिए गए हुए थे लेकिन संचालक तुलसी वैष्णव के द्वारा दबंगई करते हुए निर्माण कार्य को नहीं रोक जिसकी शिकायत विभाग के अधिकारियों के द्वारा दर्री थाने में भी दर्ज कराया गया था।
अब इस मामले को लेकर अनुविभागीय अधिकारी हसदेव बराज जल प्रबंध उप संभाग दर्री कोरबा को शिकायत करते हुए लिखित आवेदन पत्र के माध्यम से सिंचाई विभाग की जमीन पर अतिक्रमण कर व्यावसायिक प्रतिष्ठान संचालित करने वाले संचालक व प्रतिष्ठान पर कार्रवाई करते हुए शासकीय भूमि पर हुए अवैध अतिक्रमण कों पृथक करने का आग्रह किया है। साथ ही शिकायत की प्रतिलिपि कोरबा जिला कलेक्टर, कार्यपालन अभियंता हसदेव बराज, कार्यपालन अभियंता जल संसाधन विभाग कोरबा, नगर पालिका निगम आयुक्त को भेजी हैं।
इस मामले पर वरीय अधिकारियों के अनुसार किसी भी तरह के अतिक्रमण की शिकायत को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और खास तौर पर शासकीय भूमि पर किए अतिक्रमण को लक्ष्मी इंजीनियरिंग वर्क्स के संचालक पर कार्यवाही के साथ-साथ जल से जल्द उनके प्रतिष्ठान को अतिक्रमण से मुक्त कर लिया जाएगा।
शिकायतकर्ता की माने तो मुख्य मार्ग पर सरकारी जमीन के बाउंड्री वालों को तोड़ते हुए लक्ष्मी इंजीनियरिंग के संचालक तुलसी वैष्णव का यह कृत्य तमाम प्रशासनिक नियमों को जहां एक और चुनौती देने जैसा है वहीं दूसरी और अपराधिकृत है। इस मामले पर उच्च स्तरीय शिकायत की गई है कार्रवाई का अभाव होने की स्थिति में जल संसाधन मंत्री और मुख्यमंत्री को शिकायत कर शासकीय भूमि में हुए अतिक्रमण से अवगत कराया जाएगा। शिकायत करता ने बताया मुख्य मार्ग पर पूर्व में भी उनके द्वारा इसी तरह का अतिक्रमण किया गया है जो दुकान वर्तमान में संचालित है पूर्व में किए गए अतिक्रमण पर कार्यवाही नहीं होने के कारण संचालक तुलसी वैष्णव के द्वारा पुनः अतिक्रमण कर संबंधित अधिकारियों के कर्तव्याचरण को चुनौती दिया गया है।