**नागपुर: जमिअत उलमा-ए-जिल्हा ने यति नरसिंहानंद और सहयोगियों के खिलाफ FIR की मांग की**

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नागपुर। जमिअत उलमा-ए-जिल्हा नागपुर ने यति नरसिंहानंद और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता, 2023 के तहत एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। संगठन का आरोप है कि यति नरसिंहानंद, जो एक आदतन अपराधी हैं, ने मुसलमानों के खिलाफ आपत्तिजनक और भड़काऊ भाषण देकर समुदायों के बीच नफरत फैलाने का काम किया है।

जमिअत उलमा-ए-जिल्हा के अनुसार, 2022 में उत्तराखंड में आयोजित “धर्म संसद” के दौरान यति नरसिंहानंद ने मुसलमानों के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिए थे, जिसके बाद उनके खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। 17 फरवरी 2022 को हरिद्वार की अदालत ने उन्हें सशर्त जमानत दी थी, जिसमें यह स्पष्ट किया गया था कि वे इस प्रकार के अपराध दोबारा नहीं करेंगे।

हालांकि, जमानत के बाद भी यति नरसिंहानंद ने अपने नफरत भरे भाषण देना जारी रखा। संगठन ने कहा कि 29 सितंबर 2024 को गाजियाबाद के लोहिया नगर में आयोजित एक कार्यक्रम में भी उन्होंने और अन्य अज्ञात व्यक्तियों ने आपराधिक कृत्य किए, जिसमें दोनों समुदायों के बीच नफरत को बढ़ावा दिया गया।

जमिअत उलमा-ए-जिल्हा ने पुलिस से आग्रह किया है कि कार्यक्रम के आयोजक अमर बलिदानी मेजर आसाराम व्याघ्र सेवा संस्थान, यति नरसिंहानंद और उनके सहयोगियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 79, 196(ए), 197 (सी) एवं (डी), 299, 302, और 352 के अंतर्गत मामला दर्ज किया जाए।

संगठन ने यह भी कहा है कि यति नरसिंहानंद की इस प्रकार की गतिविधियों से समाज में शांति और सौहार्द्र को खतरा है, और उन पर तत्काल कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।

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