सूत्रों के अनुसार, सीएम साय आज शाम 6 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके निवास पर मुलाकात करेंगे. प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से छत्तीसगढ़ में सफल नक्सल ऑपरेशन के लिए मुख्यमंत्री को बधाई देने के लिए आमंत्रित किया है. मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री साय प्रधानमंत्री को राज्य में चल रहे विकास कार्यों और योजनाओं की जानकारी विस्तार से देंगे और साथ ही उनकी सरकार की आगामी योजनाओं का विस्तार से प्रजेंटेशन भी प्रस्तुत करेंगे.सूत्रों के अनुसार, सीएम साय आज शाम 6 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके निवास पर मुलाकात करेंगे. प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से छत्तीसगढ़ में सफल नक्सल ऑपरेशन के लिए मुख्यमंत्री को बधाई देने के लिए आमंत्रित किया है. मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री साय प्रधानमंत्री को राज्य में चल रहे विकास कार्यों और योजनाओं की जानकारी विस्तार से देंगे और साथ ही उनकी सरकार की आगामी योजनाओं का विस्तार से प्रजेंटेशन भी प्रस्तुत करेंगे.सूत्रों के अनुसार, सीएम साय आज शाम 6 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके निवास पर मुलाकात करेंगे. प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से छत्तीसगढ़ में सफल नक्सल ऑपरेशन के लिए मुख्यमंत्री को बधाई देने के लिए आमंत्रित किया है. मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री साय प्रधानमंत्री को राज्य में चल रहे विकास कार्यों और योजनाओं की जानकारी विस्तार से देंगे और साथ ही उनकी सरकार की आगामी योजनाओं का विस्तार से प्रजेंटेशन भी प्रस्तुत करेंगे.

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जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव परिणाम आने की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। मतगणना 8 अक्टूबर को सुबह 8 बजे से शुरू हो होगी। वहीं पहला रुझान सुबह 9 बजे से आने शुरू हो जाएंगे। इससे पहले जम्मू कश्मीर में बीजेपी  ने बड़ा खेला कर दिया है। जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा  द्वारा चुने जाने वाले 5 सदस्य किंग मेकर की भूमिका निभा सकते है। यही वजह है कि उपराज्यपाल प्रशासन द्वारा पांच सदस्यों को मनोनीत करने के प्रस्ताव पर विवाद मचा हुआ है। कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस खुलकर इसके विरोध में आ गए हैं।बता दें कि जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 हटने के बाद पहली बार चुनाव हुआ है। यहां तीन चरणों में मतदान कराया गया। नतीजे 8 अक्टूबर को आने हैं। हालांकि, इससे पहले उपराज्यपाल प्रशासन द्वारा पांच सदस्यों को मनोनीत करने के प्रस्ताव पर विवाद शुरू हो गया है।

दरअसल नई सरकार के गठन में पांच मनोनीत विधानसभा सदस्यों (विधायकों) की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। जम्मू-कश्मीर जन प्रतिनिधित्व अधिनियम में इस संशोधन के अनुसार, जिसने सरकार को पांच सदस्यों को मनोनीत करने का अधिकार दिया है, जो कश्मीरी विस्थापित व्यक्तियों और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) के लोगों का प्रतिनिधित्व करेंगे, उन्हें निर्वाचित प्रतिनिधियों की तरह ही पूर्ण विधायी शक्तियां और विशेषाधिकार प्राप्त होंगे।

इस नई व्यवस्था के साथ जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पांच मनोनीत सदस्यों समेत कुल 95 सदस्य हो जाएंगे, जिससे सरकार बनाने के लिए बहुमत की सीमा 48 सीटों तक बढ़ जाएगी। उपराज्यपाल गृह मंत्रालय की सलाह के आधार पर इन सदस्यों को मनोनीत करेंगे। यह प्रक्रिया जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 में संशोधन के बाद होगी, जिसे इन मनोनयनों को पेश करने के लिए 26 जुलाई, 2023 को और संशोधित किया गया था।

उप राज्यपाल द्वारा इन सदस्यों का चुनाव विधानसभा की पहली सिटिंग से पहले होना है। ऐसे में इन मनोनीत सदस्यों के पास विश्वास मत में भी वोटिंग का अधिकार होगा। मिली जानकारी के मुताबिक, उप राज्यपाल जिन 5 सदस्यों का मनोनीत करेंगे, उनमें एक महिला, एक पीओके से आया शरणार्थी, 2 कश्मीरी विस्थापित और एक अन्य है।

जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के उपाध्यक्ष रविंदर शर्मा ने कहा कि सरकार बनने से पहले एलजी द्वारा 5 विधायकों को नामंकन का हम विरोध करते हैं। इस तरह का कोई भी कदम लोकतंत्र, आम जनता का मैंडेट और संविधान पर हमला है। पहले कहा गया था कि PoK से 8 प्रतिनिधियों को मनोनीत करने पर विचार किया जा सकता है। फिर इनकी संख्या घटाकर 1 क्यों की गई।

संवैधानिक ढांचे के तहत, विधायकों को मनोनीत करने से पहले उपराज्यपाल को मंत्रिपरिषद की सलाह लेनी चाहिए। चुनाव के बाद बहुमत या अल्पमत की स्थिति को बदलने के लिए नामांकन के प्रावधान का दुरुपयोग करना नुकसानदेह होगा। नामांकन प्रक्रिया नई सरकार के कार्यभार संभालने और मनोनित पदों के लिए उम्मीदवारों की सिफारिश करने के बाद ही शुरू होनी चाहिए

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