बंगाल में बच्ची की मौत का मामला:परिवार बोला- हाथ-पैर टूटे थे, शरीर पर चोट के कई निशान; ट्यूशन से लौटते समय लापता हुई थी

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पश्चिम बंगाल के साउथ 24 परगना के जयनगर में 10 साल की बच्ची की मौत मामले में परिवार ने कई दावे किए हैं। बच्ची की चाची ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया कि उसके शरीर पर कई चोटें थीं। हाथ-पैर टूटे हुए थे। परिवार ने पुलिस पर मामले को नजरअंदाज करने का भी आरोप लगाया।

चाची ने बताया कि बच्ची 4 अक्टूबर को ट्यूशन गई थी। वापस लौटते समय लापता हो गई। उसके पिता ने बच्ची को हर जगह ढूंढने की कोशिश की लेकिन जब वह उसे नहीं ढूंढ पाए तो महिस्मारी पुलिस चौकी गए। हालांकि, वहां पुलिस ने उनकी एक नहीं सुनी और जयनगर थाने जाने को कहा।

जयनगर में स्थानीय लोगों ने 5 अक्टूबर की सुबह एक दलदली जमीन से बच्ची का शव बरामद किया था। वह चौथी क्लास की छात्रा थी। परिवार ने बच्ची से रेप के बाद मर्डर का आरोप लगाया है। घटना के विरोध में भीड़ ने महिस्मारी पुलिस चौकी में आग लगा दी और पुलिसकर्मियों पर पथराव किया था।

5 अक्टूबर को भीड़ ने महिस्मारी पुलिस चौकी में तोड़फोड़ और आगजनी की।
5 अक्टूबर को भीड़ ने महिस्मारी पुलिस चौकी में तोड़फोड़ और आगजनी की।

बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने न्यूज एजेंसी PTI से कहा कि राज्य सरकार की तरफ से समय पर कार्रवाई के अभाव के कारण रेप के मामले बढ़े हैं।

राज्यपाल ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार ने कोलकाता के मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर से रेप-मर्डर केस को जिस लापरवाही से हैंडल किया, उससे राज्य में ऐसी घटनाओं को बढ़ावा मिल रहा है। आनंद बोस ने कहा कि बंगाल में हिंसा का कोई इलाज नहीं दिख रहा है।

 एक स्थानीय व्यक्ति ने दावा किया कि 4 अक्टूबर को बच्ची के लापता होने के बाद परिवार ने महिस्मारी चौकी में FIR दर्ज कराई थी। हालांकि पुलिस ने इस शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया और कार्रवाई नहीं की। पुलिस का रवैया वैसा ही था जैसा आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर के बाद शव मिलने के कोलकाता पुलिस का रवैया था।

लोगों ने कहा, ‘जब तक कि हमारी बेटी के रेप और हत्या के सभी आरोपियों को सजा नहीं मिल जाती, तब तक हम आंदोलन करेंगे। पुलिस के उन अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए, जिन्होंने एक्शन लेने में देरी की। अगर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की होती, तो लड़की को बचाया जा सकता था।’

साउथ 24 परगना में बच्ची का शव मिलने के बाद कोलकाता में भारतीय जनता युवा मोर्चा ने प्रदर्शन किया।

केंद्रीय मंत्री और पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा, ‘कृपाखाली में ट्यूशन से लौट रही चौथी कक्षा की एक बच्ची से रेप के बाद हत्या कर दी गई। ग्रामीणों ने नदी के तल से उसका शव बरामद किया। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी महिलाओं की सुरक्षा नहीं कर पा रही हैं। नवरात्रि में भी बंगाल की लड़कियां सुरक्षित नहीं हैं। मैं ममता बनर्जी से पूछना चाहता हूं कि आपके कुशासन में और कितनी बंगाली लड़कियों को यह दुर्दशा झेलनी पड़ेगी।’

भाजपा विधायक अग्निमित्रा पॉल ने कहा, ‘कल ट्यूशन से लौट रही 9 साल की बच्ची का शव आज नहर में मिला। ममता बनर्जी की पुलिस ने FIR दर्ज नहीं की। जिन लोगों ने बच्ची का शव देखा है, उनके अनुसार उसके शरीर पर अभया (कोलकाता ट्रेनी डॉक्टर रेप-मर्डर) के शरीर जैसी ही चोटें थीं।

इस मामले में शव को सुरक्षित रखना चाहिए। पोस्टमॉर्टम केंद्र सरकार के अधीन किसी अस्पताल में होना चाहिए। मैंने बच्ची के पिता से बात की और वे इस बात से सहमत हैं कि शव को सुरक्षित रखना चाहिए। CM को जिम्मेदारी लेनी चाहिए क्योंकि वे आरोपियों को बचा रही हैं। हम आरोपियों को फांसी की सजा और मामले की CBI जांच की मांग करेंगे।’

दूसरी तरफ, पुलिस ने कहा कि उन्होंने शिकायत मिलने के तुरंत बाद कार्रवाई की। पुलिस के मुताबिक, शुक्रवार रात 9 बजे FIR दर्ज हुई थी। इसके बाद पुलिस हरकत में आई और शुरुआती जांच के बाद आज सुबह एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 9 अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर का रेप-मर्डर हुआ था। अस्पताल के सेमिनार हॉल में ट्रेनी डॉक्टर का शव मिला था। उनके दोनों आंखों, मुंह और प्राइवेट पार्ट्स से खून बह रहा था।

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में बताया गया क डॉक्टर के प्राइवेट पार्ट्स पर गहरा घाव पाया गया। आरोपी ने डॉक्टर की चीख दबाने के लिए उनकी नाक, मुंह और गले को लगातार दबाया। गला घोंटने से थायराइड कार्टिलेज टूट गया। पेट, होंठ, उंगलियों और बाएं पैर पर चोटें पाई गईं। फिर उन पर इतनी जोर से हमला किया कि चश्मा टूट गया और शीशे के टुकड़े उनकी आंखों में घुस गए।

पुलिस ने 10 अगस्त को कोलकाता पुलिस के सिविक वालंटियर संजय रॉय को रेप-मर्डर केस में गिरफ्तार किया था। सबूतों से छेड़छाड़ के आरोप में CBI ने मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और ताला पुलिस स्टेशन के प्रभारी अभिजीत मंडल को 14 सितंबर को गिरफ्तार किया था।

घटना के विरोध में बंगाल सहित देशभर में लोगों का विरोध प्रदर्शन हुआ। बंगाल में अभी तक जूनियर डॉक्टरों का प्रदर्शन जारी है। वे स्वास्थ्य सचिव को पद से हटाने की मांग कर रहे हैं।

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