नई दिल्ली . नौ वर्षों में भारत के किसी मंत्री की पहली पाकिस्तान यात्रा होगी, इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे. विदेश मंत्री एस जयशंकर सम्मेलन में भारत का नेतृत्व करेंगे.
पाकिस्तान ने मोदी को एससीओ राष्ट्राध्यक्षों का शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया था, लेकिन शुक्रवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा कि मोदी विदेश मंत्री के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल सम्मेलन में भाग लेंगे.
भारत सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि इस दौरे में को महत्व देते हुए एस जयशंकर पाकिस्तान के साथ कोई द्विपक्षीय वार्ता नहीं होगी. विशेषज्ञों का कहना है कि भारत को पाकिस्तान के साथ खराब रिश्ते की वजह से एससीओ की बैठक से दूर रहना चाहिए. पिछले साल पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो भारत आए थे, लेकिन भारत सरकार ने उनके साथ द्विपक्षीय वार्ता नहीं की.
पिछले साल भारत ने शिखर सम्मेलन की मेजबानी की थी, जिसमें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने ऑनलाइन भाग लिया था. हालाँकि, पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी, जो लगभग 12 वर्षों में भारत का दौरा करने वाले पहले पाकिस्तानी विदेश मंत्री थे, मई 2023 में गोवा में SCO विदेश मंत्रियों की परिषद की दो दिवसीय बैठक में भाग लेने आए थे.
भारत ने लगातार कहा है कि वह पाकिस्तान के साथ एक सामान्य पड़ोसी संबंध चाहता है, हालांकि पाकिस्तान से सीमा पार आतंकवाद और कश्मीर का मुद्दा लंबे समय से उनके तनावपूर्ण संबंधों की वजह है.