Data on Food Inflation: रघुराम राजन ने कहा – खाद्य वस्तुओं की कीमतों को महंगाई दर में स्थान नहीं देने के विचार से लोगों का RBI पर भरोसा कम होगा

Must Read

केंद्र सरकार नए खुदरा महंगाई दर के आंकड़े की गणना में खाद्य वस्तुओं में वेटेज में कमी करने पर विचार कर रही है, साथ ही ब्याज दरों को निर्धारित करते समय खाद्य महंगाई को इससे अलग रखा जाएगा.

रघुराम राजन, पूर्व आरबीआई गवर्नर, इस विचार से कतई सहमत नहीं हैं. उन्होंने कहा कि महंगाई दर में खाद्य वस्तुओं की कीमतों को स्थान नहीं देने के विचार से लोगों का सेंट्रल बैंक (भारतीय रिजर्व बैंक) पर भरोसा कम होगा.

रघुराम राजन ने पीटीआई से बातचीत में कहा कि महंगाई दर निर्धारित करते समय उपभोक्ता उत्पादों के बास्केट को ध्यान में रखना चाहिए क्योंकि यही चीजें महंगाई को लेकर उपभोक्ता की धारणा बनाती हैं और उनकी उम्मीदों को प्रभावित करती हैं. भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर ने कहा कि जब मैं बैंक का गवर्नर बना, मेरा लक्ष्य प्रोड्यूसर प्राइस इंडेक्स था. लेकिन इसका औसत ग्राहक की परेशानियों से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा कि प्रोड्यूसर प्राइस इंडेक्स को देखना चाहिए जब आरबीआई कहता है कि महंगाई कम हुई है, लेकिन ग्राहक अलग-अलग चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, इसलिए नहीं मानेंगे कि महंगाई कम हुई है.

रघुराम राजन ब्याज दरें निर्धारित करते समय खाद्य महंगाई दरों को गणना से बाहर रखने के बारे में आर्थिक समीक्षा २०२२-२३ में उठाए गए सुझावों पर उत्तर दे रहे थे. उन्होंने कहा कि अगर आप महंगाई दर को नियंत्रण में बताते हुए खाद्य कीमतों में वृद्धि देखते हैं या कुछ गैर-इंफ्लेशन बास्केट में रखे गए सामान की कीमतों में वृद्धि देखते हैं, तो आप जानते हैं कि लोग रिजर्व बैंक पर बहुत भरोसा नहीं करेंगे.

मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने 2023-24 के आर्थिक सर्वे में खाद्य महंगाई को आरबीआई के पॉलिसी रेट्स के निर्धारण प्रक्रिया से बाहर रखने की वकालत की थी. सर्वे में उन्होंने कहा कि सप्लाई कीमतों पर मॉनिटरी पॉलिसी का कोई असर नहीं होता, क्योंकि यह कीमतों को प्रभावित करता है.

Latest News

Health Tips: Chai और Cigarette का कॉम्बिनेशन होता है बहुत खतरनाक, जाने ऐसे पीने के नुकसान

अकसर लोग चाय और सिगरेट साथ पीते हैं. खासकर ऑफिस में काम करते-करते रिफ्रेश होने के टी-ब्रेक के दौरान...

More Articles Like This