तिरुपति लड्डू विवाद- पवन कल्याण तिरुमाला पहुंचे:नंगे पैर 3500 सीढ़ियां चढ़ीं, 3 दिन ऐसे ही रहेंगे; 11 दिन की प्रायश्चित दीक्षा ली है

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आंध्र प्रदेश के श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर (तिरुपति मंदिर) के प्रसादम (लड्डुओं) में जानवरों की चर्बी मामले में डिप्टी CM पवन कल्याण की 11 दिन की प्रायश्चित दीक्षा जारी है। पवन प्रायश्चित के तहत 1 अक्टूबर से तीन दिनों के लिए तिरुपति मंदिर यात्रा पर हैं।

वे 3 अक्टूबर तक चप्पल या जूता नहीं पहनेंगे। उन्होंने 1 अक्टूबर की देर रात तिरुमाला पहुंचने के बाद तिरूपति के अलीपिरी के रास्ते करीब 3500 सीढ़ियां नंगे पैर चढ़ीं। फिर गायत्री निलयम गेस्ट हाउस में रात गुजारी। पवन आज श्रीवारा में तपस्या की दीक्षा लेंगे। वह 3 अक्टूबर को दीक्षा खत्म होने के बाद वेंकटेश्वर स्वामी के दर्शन करेंगे।

बुधवार को पवन कल्याण की दोनों बेटियां भी तिरुपति पहुंची। छोटी बेटी पोलिना अंजनी कोनिडेला ने मंदिर जाने से पहले भगवान वेंकटेश्वर के प्रति अपनी श्रद्धा की घोषणा पत्र पर साइन किए। मंदिर के नियमों के अनुसार, गैर-हिंदुओं और विदेशियों को मंदिर में जाने से पहले देवता में विश्वास की घोषणा पर साइन करना होता है।

पोलीना पवन कल्याण और उनकी तीसरी पत्नी अन्ना लेजनेवा की बेटी हैं। पोलीना और उनके अपने भाई मार्क प्रवासी भारतीय हैं। पवन कल्याण की पहली पत्नी रेनू देसाई से हुई बेटी आद्या भी पोलीना के साथ मंदिर गईं।

पवन कल्याण ने मंगलवार को करीब तीन घंटे तक अलीपिरी के रास्ते करीब 3500 सीढ़ियां चढ़ीं।
बिना चप्पल चलते रहने और लगातार सीढ़ियां चढ़ने के दौरान पवन कल्याण कई बार थक भी गए।
बिना चप्पल चलते रहने और लगातार सीढ़ियां चढ़ने के दौरान पवन कल्याण कई बार थक भी गए।
पवन कल्याण की छोटी बेटी पोलिना ने तिरुमाला मंदिर में दर्शन के लिए घोषणा पत्र पर साइन किया।
पवन कल्याण की छोटी बेटी पोलिना ने तिरुमाला मंदिर में दर्शन के लिए घोषणा पत्र पर साइन किया।

 डिप्टी CM पवन कल्याण ने रविवार (22 सितंबर) से 11 दिनों की प्रायश्चित दीक्षा की शुरुआत की। इस दौरान वह उपवास रख रहे हैं। पवन ने कहा- मुझे अफसोस है कि मैं मिलावट के बारे में पहले क्यों नहीं पता लगा पाया। मुझे दुख हो रहा है। इसके लिए प्रायश्चित कर रहा हूं।

वहीं आंध्र प्रदेश के पूर्व CM जगन मोहन रेड्डी को मंदिर जाने की इजाजत नहीं दी गई। जगन 28 सितंबर को तिरुपति के भगवान वेंकटेश्वर मंदिर में विशेष अनुष्ठान करने वाले थे। एक दिन पहले ही उन्हें नोटिस जारी किया गया। नोटिस में कहा गया है कि YSRCP पार्टी के कार्यकर्ताओं को तिरुमाला मंदिर जाने की इजाजत नहीं है।

 प्रसादम (लड्डुओं) में जानवरों की चर्बी मामले की SIT जांच को 1 अक्टूबर को रोक दिया गया। राज्य के DGP द्वारका तिरुमाला राव ने कहा कि अभी सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई चल रही है। अगली सुनवाई 3 अक्टूबर को होगी, इसलिए तब तक SIT जांच नहीं की जाएगी। सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक ये तय किया जाएगा कि SIT जांच को आगे बढ़ाना है या नहीं।

उन्होंने कहा कि पिछले दो दिन में SIT ने लड्डुओं की खरीद और सैंपलिंग प्रक्रिया की जांच की और यह समझने की कोशिश की कि लड्डुओं में मिलावट कैसे की जा सकती है।

राव ने बताया कि SIT पहले इस प्रक्रिया को समझना और इससे जुड़ी सारी जानकारी इकट्ठा करना चाहती थी, लेकिन इस बीच सुप्रीम कोर्ट का आदेश आ गया।

मंगलवार को आंध्र प्रदेश के DGP द्वारका तिरुमाला राव ने तिरुपति मंदिर में दर्शन किए।
मंगलवार को आंध्र प्रदेश के DGP द्वारका तिरुमाला राव ने तिरुपति मंदिर में दर्शन किए।

 इस मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की बेंच ने कहा, ‘जब प्रसाद में पशु चर्बी होने की जांच CM चंद्रबाबू नायडू ने SIT को दी, तब उन्हें मीडिया में जाने की क्या जरूरत थी। कम से कम भगवान को तो राजनीति से दूर रखें।’

बेंच ने कहा, ‘जुलाई में लैब रिपोर्ट आई। वह स्पष्ट नहीं है। मुख्यमंत्री SIT जांच के आदेश देते हैं और फिर सितंबर में मीडिया के सामने बयान देते हैं। एक संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति ऐसा कैसे कर सकता है।’

कोर्ट ने तिरुपति मंदिर की ओर से पेश हुए वकील सिद्धार्थ लूथरा से पूछा- इस बात के क्या सबूत हैं कि लड्डू बनाने में दूषित घी का इस्तेमाल किया गया था। इस पर वकील ने कहा कि हम जांच कर रहे हैं। इसके बाद जस्टिस गवई ने पूछा, ‘फिर तुरंत प्रेस में जाने की क्या जरूरत थी? आपको धार्मिक भावनाओं का सम्मान करना चाहिए।’

बेंच ने करीब 1 घंटे की सुनवाई के बाद कहा कि मामले की जांच SIT से ही कराएं या फिर किसी स्वतंत्र जांच एजेंसी से, इसके लिए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से हम सुझाव चाहते हैं। सभी याचिकाओं पर एक साथ 3 अक्टूबर को दोपहर 3:30 बजे सुनवाई करेंगे।

 इससे पहले SIT ने 30 सितंबर को कई जगहों पर छानबीन की थी। SIT के अधिकारियों ने तिरुमाला में फ्लोर मिल का निरीक्षण किया। यहीं पर घी को स्टोर किया जाता है। इसी घी का इस्तेमाल लड्डू प्रसादम में होता है।

SIT चीफ सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी और उनकी टीम ने तिरुमाला में घी के टैंकरों और तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) लैब की भी जांच-पड़ताल की।

तिरुपति मंदिर में जिन टैंकरों से घी सप्लाई किया जाता है, उनकी भी जांच की गई।
तिरुपति मंदिर में जिन टैंकरों से घी सप्लाई किया जाता है, उनकी भी जांच की गई।
SIT की टीम ने तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) लैब के अधिकारियों से भी पूछताछ की।
SIT की टीम ने तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) लैब के अधिकारियों से भी पूछताछ की।

 तिरुपति मंदिर में लड्डू बनाने के लिए अब नंदिनी घी का इस्तेमाल किया जा रहा है। नंदिनी, कर्नाटक मिल्क फेडरेशन का लोकप्रिय ब्रांड है। विवाद के बीच एक महीने पहले ही तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने कर्नाटक मिल्क फेडरेशन को घी सप्लाई करने का कॉन्ट्रैक्ट दिया।

कर्नाटक मिल्क फेडरेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर एमके जगदीश ने कहा, हमने अपनी गाड़ियों में GPS सिस्टम और जियो लोकेशन डिवाइस लगाई हैं। ये गाड़ियां मंदिर में घी सप्लाई करती हैं। GPS सिस्टम लगाने से हमें पता चलता है कि गाड़ी कहां-कहां रुकी है, ताकि मिलावट को रोका जा सके। कर्नाटक मिल्क फेडरेशन को 350 टन घी की सप्लाई का ठेका मिला है।

 कर्नाटक कोऑपरेटिव मिल्क फेडरेशन (KMF) पिछले 50 साल से रियायती दरों पर ट्रस्ट को घी दे रहा था। तिरुपति मंदिर में हर छह महीने में 1400 टन घी लगता है। जुलाई 2023 में कंपनी ने कम रेट में सप्लाई देने से मना कर दिया, जिसके बाद जगन सरकार (YSRCP) ने 5 फर्म को सप्लाई का काम दिया था। इनमें से एक तमिलनाडु के डिंडीगुल स्थित एआर डेयरी फूड्स भी है। इसके प्रोडक्ट में इसी साल जुलाई में गड़बड़ी मिली थी।

TDP सरकार ने जून 2024 में सीनियर IAS अधिकारी जे श्यामला राव को तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) का नया एक्जीक्यूटिव ऑफिसर अपॉइंट किया था।

उन्होंने प्रसादम (लड्डू) की क्वॉलिटी जांच का आदेश दिया। इसके लिए एक कमेटी बनाई। प्रसाद के टेस्ट और क्वॉलिटी को बेहतर बनाने के लिए कमेटी ने कई सुझाव दिए। साथ ही घी की जांच के लिए नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (NDDB), गुजरात में सैंपल भेजे। जुलाई में सामने आई रिपोर्ट में फैट का जिक्र था।

इसके बाद TTD ने तमिलनाडु के डिंडीगुल स्थित एआर डेयरी फूड्स की तरफ से भेजे गए घी के स्टॉक को वापस कर दिया और ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया। इसके बाद TTD ने कर्नाटक मिल्क फेडरेशन से घी खरीदना शुरू कर दिया।

पुराने सप्लायर से घी 320 रुपए प्रति किलोग्राम के रेट से खरीदा जाता था। अब तिरुपति ट्रस्ट कर्नाटक कोऑपरेटिव मिल्क फेडरेशन (KMF) से 475 रुपए प्रति किलोग्राम के रेट से घी खरीद रहा है।

घी की शुद्धता का परीक्षण करने वाली प्रयोगशाला NDDB CALF (आणंद, गुजरात) ने तिरुपति को घी की शुद्धता की जांच करने के लिए एक मशीन दान करने पर सहमति दी है। इसकी लागत 75 लाख रुपए है।

जुलाई में सामने आई रिपोर्ट में लड्डुओं में चर्बी की पुष्टि हो गई थी। हालांकि, टीडीपी ने दो महीने बाद रिपोर्ट सार्वजनिक की। CM नायडू ने 18 सितंबर को आरोप लगाया था कि पूर्व जगन सरकार में तिरुपति मंदिर के लड्डू में इस्तेमाल होने वाले घी में जानवरों की चर्बी और फिश ऑयल मिलाया गया था। TDP ने एक लैब रिपोर्ट दिखाकर अपने आरोपों की पुष्टि का दावा भी किया।

नायडू ने कहा, जब बाजार में 500 रुपए किलो घी मिल रहा था, तब जगन सरकार ने 320 रु. किलो घी खरीदा। ऐसे में घी में सप्लायर की ओर से मिलावट होनी ही थी। जगन सरकार द्वारा कम दाम वाले घी को खरीदने की जांच हाेगी। पशु चर्बी वाले घी से बने लड्डुओं से तिरुपति मंदिर की पवित्रता पर दाग लगाया है।

तिरुपति मंदिर दुनिया के सबसे लोकप्रिय और अमीर धर्मस्थलों में से है। यहां हर दिन करीब 70 हजार श्रद्धालु भगवान वेंकटेश्वर स्वामी के दर्शन करते हैं। इसका प्रशासन तिरुपति तिरुमाला देवस्थानम (TTD) संभालता है।

मंदिर परिसर में बनी 300 साल पुराने किचन ‘पोटू’ में शुद्ध देसी घी के रोज 3.50 लाख लड्‌डू बनते हैं। यह मंदिर का मुख्य प्रसाद है, जिसे करीब 200 ब्राह्मण बनाते हैं।

लड्‌डू में शुद्ध बेसन, बूंदी, चीनी, काजू और शुद्ध घी होता है। ट्रस्ट ने करीब एक लाख लड्‌डू राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा के वक्त अयोध्या भेजे थे।

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