शेयर मार्केट में फिलहाल आईपीओ की बहार है। हर हफ्ते कोई न कोई आईपीओ खुल रहा है। उनमें से अधिकतर काफी अच्छा-खासा लिस्टिंग गेन भी दे रहे हैं। एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी हुंडई और स्विगी जैसे बड़े आईपीओ कतार में भी हैं। आइए जानते हैं कि क्या आपको हर आईपीओ में पैसा लगाने की रणनीति पर अमल करना चाहिए और इसमें क्या जोखिम रहता है।
- अधिकतर लोग लिस्टिंग के एक हफ्ते के भीतर शेयर बेच देते हैं।
- एक्सपर्ट के मुताबिक, निवेशक आईपीओ को लॉटरी मान रहे हैं।
- आईपीओ में पैसा लगाने से पहले फंडामेंटल पर गौर करना चाहिए।
पिछले कुछ समय से शेयर मार्केट में इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग की धूम है। खासकर, बजाज हाउसिंग फाइनेंस के आईपीओ के 114 फीसदी का बंपर लिस्टिंग गेन देने के बाद। इसी बीच KRN हीट एंड एक्सचेंजर का आईपीओ का GMP भी 120 फीसदी से अधिक के लिस्टिंग गेन का संकेत दे रहा है। आगे भी स्विगी, हुंडई और NTPC ग्रीन एनर्जी जैसे कई बड़े मेन बोर्ड आईपीओ कतार में है। SME आईपीओ की संख्या भी बढ़ रही है।
ऐसे में सवाल उठता है कि क्या हर आईपीओ में पैसा लगाना चाहिए? यह स्ट्रैटजी कितनी कारगर है और इसमें नफा या नुकसान होने की गुंजाइश कितनी रहती है।