तमिलनाडु CM स्टालिन ने बेटे को डिप्टी CM बनाया:उदयनिधि आज शपथ लेंगे; सनातन धर्म को डेंगू-मलेरिया कहा था

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तमिलनाडु सरकार ने शनिवार को मंत्रिमंडल में फेरबदल किया। सीएम एमके स्टालिन ने अपने बेटे और खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन को डिप्टी सीएम बनाया है। उदयनिधि पिछले साल सनातन धर्म पर अपने बयान को लेकर चर्चा में रहे थे। उन्होंने सनातन धर्म की तुलना डेंगू-मलेरिया से की थी।

सीएम स्टालिन ने वी सेंथिल बालाजी को भी कैबिनेट में जगह दी है। बालाजी को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट से 26 सितंबर को जमानत मिली थी। बालाजी ने कैश फॉर जॉब स्कैम में गिरफ्तारी के 8 महीने बाद इस साल फरवरी में इस्तीफा दिया था।

राजभवन की तरफ से बताया गया कि सीएम स्टालिन ने राज्यपाल आरएन रवि से उदयनिधि को डिप्टी सीएम नॉमिनेट करने और कैबिनेट का विस्तार करने की सिफारिश की थी। राज्यपाल ने इसकी मंजूरी दे दी है। राजभवन में रविवार दोपहर 3.30 बजे शपथ ग्रहण समारोह होगा।

तमिलनाडु में ऐसा दूसरी बार होगा, जब पिता सीएम और बेटा डिप्टी सीएम पद पर होंंगे। इससे पहले 2009-11 में मौजूदा सीएम एमके स्टालिन डिप्टी सीएम रहे थे। तब उनके पिता एम करुणानिधि मुख्यमंत्री थे।

उदयनिधि स्टालिन को उनके मौजूदा युवा कल्याण और खेल विकास विभाग के अलावा योजना और विकास मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया है। बालाजी को कौन सा मंत्रालय दिया जाएगा, यह अभी तक साफ नहीं हुआ है।

ED ने बालाजी को 14 जून 2023 को गिरफ्तार किया था। उस समय वे राज्य सरकार में ऊर्जा मंत्री थे। इसके अलावा उनके पास आबकारी एवं निषेध विभाग भी था। वे 15 महीने जेल में रहे। 27 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने बालाजी को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत दी थी।

तीन मंत्रियों को हटाया गया, कई विभागों के मंत्री बदले नई कैबिनेट में डॉ. गोवी चेझियन, आर राजेंद्रन और एस एम नासर को भी शामिल किया गया है। डेयरी विकास विभाग संभालने वाले मनो थंगराज सहित तीन मंत्रियों को हटाया गया है। पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग संभाल रहे आर. एस. राजकन्नप्पन को दूध एवं डेयरी विकास एवं खादी मंत्री बनाया गया है।

तमिलनाडु के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. के पोनमुडी को वन मंत्री बनाया गया है। पर्यावरण मंत्री शिव वी. मेय्यानाथन को पिछड़ा वर्ग मंत्री बनाया गया है। डॉ. एम. मथिवेंथन जो वन मंत्रालय संभाल रहे थे। उन्हें अब आदि द्रविड़ कल्याण विभाग दिया गया है। वित्त मंत्री थंगम थेन्नारसु को पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन का अतिरिक्त विभाग दिया गया है।

पिता एमके स्टालिन और पार्टी के अन्य लोगों के साथ उदयनिधि स्टालिन।
पिता एमके स्टालिन और पार्टी के अन्य लोगों के साथ उदयनिधि स्टालिन।

 ऐसा कहा जा रहा है कि DMK कार्यकर्ता पार्टी में उदयनिधि के कद बढ़ाए जाने की मांग कर रहे थे। उन्हें सरकार में भी प्रमोशन देने की मांग की जा रही थी, जिससे 2026 विधानसभा चुनाव में पार्टी को फायदा मिले।

DMK के नेताओं का दावा है कि उदयनिधि को आगामी विधानसभा चुनावों के बाद पार्टी और सरकार का नेतृत्व करने के लिए अपने पिता के उत्तराधिकारी के रूप में प्रेजेंट करने की कोशिश की जा रही है। ऐसा हुआ तो वे पिता एमके स्टालिन और दादा एम करुणानिधि के बाद सरकार का नेतृत्व करने वाले परिवार के तीसरे सदस्य होंगे।

हालांकि, एमके स्टालिन की तुलना में उदयनिधि का राजनीतिक सफर अब तक आसान रहा है। एमके स्टालिन का राजनीतिक करियर किशोरावस्था में ही शुरू हो गया था। उन्होंने 14 साल की उम्र में 1967 के चुनावों में अपने चाचा मुरासोली मारन के लिए प्रचार किया था।

29 साल बाद, 1996 में एमके स्टालिन चेन्नई के मेयर बने। फिर 2009 से 2011 तक तमिलनाडु के पहले डिप्टी सीएम रहे। तब उनके पिता एम करुणानिधि राज्य के सीएम थे।

 दूसरी तरफ, उदयनिधि 2021 में 44 साल की उम्र में पहली बार विधायक बने। 4 साल के पॉलिटिकल करियर में वे विधायक से डिप्टी सीएम बन गए हैं। वे DMK की युवा शाखा के प्रमुख भी हैं।

2021 में राजनीति में एंट्री से पहले उदयनिधि तमिल फिल्मों में प्रोड्यूसर और एक्टर के तौर पर अपनी पहचान बना चुके थे। उन्होंने साउथ सुपरस्टार कमल हासन और विजय जैसे टॉप स्टार को लेकर कई तमिल फिल्में बनाई हैं। उन्होंने हिट फिल्म ओरु कल ओरु कन्नडी सहित कई तमिल फिल्मों में लीड रोल निभाया है।

 तमिलनाडु भाजपा के उपाध्यक्ष नारायणन तिरुपति ने राज्य सरकार के कैबिनेट फेरबदल और उदयनिधि स्टालिन को डिप्टी बनाए जाने के फैसले की आलोचना की। उन्होंने एक वीडियो पोस्ट में कहा कि उदयनिधि स्टालिन के पास मंत्री पद संभालने की मैच्योरिटी नहीं है, डिप्टी सीएम बनना तो दूर की बात है।

नारायणन तिरुपति ने कहा, ‘मंत्रियों या उप-मुख्यमंत्रियों की नियुक्ति करना मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है। हालांकि, उदयनिधि स्टालिन इतने मैच्योर नहीं है कि वे मंत्री भी बन सकें। एक शख्स जो कहता है कि सनातन धर्म को मिटा देगा, वह मंत्री बन जाता है। उसके लिए माफी भी नहीं मांगी। फिर वह डिप्टी सीएम कैसे बन सकता है?’

उदयनिधि स्टालिन ने 3 सितंबर 2023 को सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया और कोरोना से की थी। उदयनिधि ने कहा था कि मच्छर, डेंगू, फीवर, मलेरिया और कोरोना ये कुछ ऐसी चीजें हैं, जिनका केवल विरोध नहीं किया जा सकता, बल्कि उन्हें खत्म करना जरूरी होता है।

उदयनिधि ने कहा कि सनातन क्या है? सनातन शब्द संस्कृत से आता है। ये समानता और सामाजिक न्याय के खिलाफ है। सनातन का अर्थ होता है- स्थायी यानी ऐसी चीज जिसे बदला नहीं जा सकता। जिस पर कोई सवाल खड़े नहीं कर सकता।

उदयनिधि कई बार हिंदी भाषा के खिलाफ भी बयान दे चुके हैं। उन्होंने सुषमा स्वराज और अरुण जेटली की मौत का जिम्मेदार प्रधानमंत्री मोदी को ठहराया था। उन्होंने कहा था कि दोनों की मौत पीएम मोदी के टॉर्चर के कारण हुई है।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और राज्य सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने शनिवार (23 मार्च) को पीएम मोदी पर राज्य सरकार को फंड एलोकेट करने में भेदभाव का आरोप लगाया। स्टालिन ने कहा- अब हमें पीएम मोदी को 28 पैसा पीएम बुलाना चाहिए। तमिलनाडु केंद्र सरकार को टैक्स के रूप में अगर 1 रुपया देता है तो केंद्र हमें 28 पैसे ही लौटाता है, जबकि भाजपा शासित राज्यों में इससे कहीं ज्यादा फंड दिया जाता है।

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