मुनि सुधाकर कुमार का विद्यार्थियों को संदेश, ‘विद्या के साथ विनय और विवेक जरूरी’

Must Read

रायपुर। विद्यार्थी को अपने जीवन में विद्या के साथ-साथ विनय और विवेक का भी विकास करना चाहिए, अन्यथा विद्या वरदान न बनकर, अभिशाप बन जाएगी. आज विद्या के प्रति सबका आकर्षण तो है, उसमें विनय और विवेक का जो अभाव बढ़ रहा है, वह अत्यंत चिंतनीय है. यह बात मुनिश्री सुधाकर कुमार ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कही.आचार्य श्री महाश्रमणजी के शिष्य मुनिश्री सुधाकर कुमार के सान्निध्य में टैगोर नगर स्थित लाल गंगा पटवा भवन में 300 से अधिक विद्यार्थियों के साथ बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के मध्य ज्ञानाराधना एवं स्मृति विकास में मंत्र, वास्तु आहार और जीवन की भूमिका पर विशेष प्रवचन एवं अनुष्ठान का आयोजन किया गया.

उन्होंने कहा कि आज विद्या अभिमान का कारण बनती जा रही है. अभिमान का नशा शराब से भी भयावह नशा है. जिस प्रकार शराब के नशे में मनुष्य की चेतना लुप्त हो जाती है, उसी प्रकार अभिमान भी सत्य को अपने आवरण से ढंक लेता है. इस प्रकार अभिमानी व्यक्ति का आत्मिक विकास अवरूद्ध हो उठता है. बाहुबली घोर तपस्वी और महान योगी थे, पर अभिमान के कारण कुछ समय के लिए उनका ज्ञान भी अवरुद्ध हो गया था. आज स्वाभिमान का विचार बढ़ रहा है, जो अच्छे भविष्य का सूचक है.

मुनिश्री ने आगमों में वर्णन जैन मंत्रों से भी स्मृति विकास के लिए अनुष्ठान एवं प्रयोग कराया, उसी के साथ वास्तु के नियम भी विस्तार में बतायें. मुनिश्री नरेशकुमारजी ने सुमधुर गीतिका का संगान किया. स्वागत ज्ञानशाला की मुख्य प्रशिक्षिका सौम्या लुंकड एवं सभा के अध्यक्ष गौतम गोलछा ने आधार व्यक्त किया. किया प्रशिक्षण विभा भंसाली एवं कुशल संचालन तपस्या जैन ने किया.

Latest News

*कवर्धा कांड पर सरकार की बड़ी कार्रवाई: कलेक्टर जन्मेजय महोबे और एसपी अभिषेक पल्लव हटाए गए, नए अधिकारी नियुक्त*

कवर्धा। कवर्धा कांड के बाद सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए जिला प्रशासन और पुलिस विभाग में महत्वपूर्ण बदलाव...

More Articles Like This