ये कौन देशद्रोही है? कानपुर, अजमेर के बाद अब सोलापुर में ट्रेन को पटरी से उतारने की साजिश, रेलवे ट्रैक पर मिला बड़ा पत्थर

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कानपुर  और अजमेर के बाद अब महाराष्ट्र के सोलापुर में ट्रन  को पटरी से उतारने की साजिश सामने आई है। सोलापुर में रेलवे ट्रैक  पर बड़ा पत्थर मिला है। जिले के कुर्डुवाडी स्टेशन से करीब एक किलोमीटर दूर रेलवे ट्रैक पर सीमेंट का बड़ा पत्थर मिला है। लोको पायलट की सावधानी से हादसा टल गया। इसके बाद रेलवे कर्मचारियों ने पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई है।

रेलवे पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, बुधवार की रात करीब 8:30 बजे किसी अज्ञात व्यक्ति ने कुर्डुवाडी रेलवे स्टेशन से करीब 700 मीटर की दूरी पर पूर्व दिशा में ट्रैक पर एक बड़ा सीमेंट पत्थर रख दिया था। इसी दौरान लोको पायलट रियाज शेख और जेई उमेश ब्रदर इलेक्ट्रिक रेलवे के ओवरहेड तारों के रखरखाव के लिए टावर वैगन को सोलापुर से कुर्डुवाडी ला रहे थे। उन्होंने ट्रैक पर एक पत्थर देखा तो मालगाड़ी को करीब 200 मीटर की दूरी पर ही रोक दिया और संबंधित रेलवे अधिकारियों को इसकी सूचना दी। इस मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है और आगे की जांच कर रही है।

बता दें कि इसके पहले राजस्थान के अजमेर में भी मालगाड़ी को पलटाने की साजिश का मामला सामने आया है। अजमेर के सरधना में रविवार रात रेलवे ट्रैक पर 70 किलो के सीमेंट के दो ब्लॉक रखकर मालगाड़ी को डीरेल करने की कोशिश की गई। गनीमत रही कि ट्रैन सीमेंट ब्लॉक को तोड़ती हुई आगे निकल गई और कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। इसे लेकर कर्मचारियों ने मांगलियावास पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करवाई है।

कालिंदी एक्सप्रेस को पलटाने की साजिश सामने आई थी। रात करीब 08:30 बजे प्रयागराज से भिवानी की ओर जाने वाली कालिंदी एक्सप्रेस ट्रेन रेलवे लाइन पर रखे एलजीपी सिलेंडर से टकरा गई थी, जिसके बाद धमाका भी हुआ था। यह घटना अनवरगंज-कासगंज रेलवे लाइन पर बर्राजपुर और बिल्हौर स्टेशन के बीच हुई थी। मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है और कई एजेंसियां इसका खुलासा करने के लिए जांच में जुट गई है।

कालिंदी एक्सप्रेस को उड़ाने की साजिश के पीछे जांच एजेंसियों को आतंकी संगठन आईएस के खुरासान माड्यूल पर शक गहराता जा रहा है। लिहाजा इंटेलिजेंस ब्यूरो , राष्ट्रीय जांच एजेंसी , यूपी ATS समेत कई एजेंसियां कानपुर में डेरा डाले हुए हैं और हर पहलू से साजिश की जांच कर रही है। फिलहाल जांच एजेंसियों को कोई अहम सुराग नहीं मिला है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि यह  लोन वूल्फ अटैक की कोशिश है।

 

बीते कई दिनों से रेलवे को निशाना बनाने वाले कई मामले सामने आए है। बीते अगस्त महीने से लेकर अबतक यानी करीब 40 दिनों में ट्रेनों के डीरेल होने की करीब 18 ऐसी कोशिशें हो चुकी हैं। अगर बीते दो साल की बात करें तो इस दौरान 24 ऐसी कोशिशें की जा चुकी हैं, जिनसे रेलवे को नुकसान पहुंचे. इनमें कानपुर में रेलवे ट्रैक पर एलपीजी सिलेंडर से लेकर तेलंगाना में लोहे की रोड और फर्रूखाबाद में रेलवे लाइन पर लकड़ियां रखना शामिल है। इन सब मामलों में पुलिस से लेकर तमाम एजेंसियां जांच में जुटी हुई हैं।

 

 

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