हिमाचल में विवादित मस्जिद पर नहीं आया फैसला:लोकल रेजिडेंट ने पार्टी बनने को दी एप्लिकेशन; 5 अक्टूबर को अगली सुनवाई तय

Must Read

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली में अवैध मस्जिद मामले में शनिवार को नगर निगम (MC) आयुक्त भूपेंद्र अत्री के कोर्ट में सुनवाई हुई। इस मामले में संजौली के निवासियों की और से अदालत में पार्टी बनने को एप्लिकेशन दी गई। अब इस मामले की सुनवाई 5 अक्टूबर को तय हुई है। वक्फ बोर्ड ने कोर्ट के पूर्व में जारी नोटिस का अदालत में जवाब दिया, जिसमे दावा किया गया कि यह मस्जिद पुरानी बनी हुई है और वक्त बोर्ड की जमीन पर निर्मित है।

वहीं लोकल रेजिडेंट (हिंदू संगठन) के एडवोकेट जगत पाल ने दावा किया कि जिस जमीन पर मस्जिद बनी है, वह सरकारी है। वक्फ बोर्ड ने अतिक्रमण कर रखा है। उन्होंने बताया कि 14 साल से इस केस में कोई अफेक्टिव कार्यवाही नहीं हुई, क्योंकि इससे पहले गलत आदमी के खिलाफ केस चल रहा था। बीच में लगभग साढ़े 13 साल बाद वक्फ बोर्ड की एंट्री होती है।

उन्होंने बताया कि रेवेन्यू रिकॉर्ड में मालिक सरकार है। वक्फ बोर्ड ने जमीन का मालिक होने का दावा जरूर किया, लेकिन अदालत में ऐसा कोई रिकॉर्ड प्रस्तुत नहीं कर पाए। उन्होंने बताया कि जमाबंदी में खसरा नंबर 36 पर गैर मुमकिन मस्जिद दिखाई गई है। मतलब सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करके बनाई गई है। उन्होंने कहा, एप्लिकेशन में हमने कहीं भी हिंदू-मुस्लिम की बात नहीं की। केवल अवैध मस्जिद का जिक्र किया गया है।

उन्होंने बताया, लोकल रेजिडेंट की और से अदालत में एक और एप्लिकेशन देकर बताया कि कि मस्जिद के कारण उन्हें क्या परेशानी हो रही है। इस पर कोर्ट ने वक्फ बोर्ड से भी जवाब मांगा है।

शिमला के संजौली में निर्मित बहुमंजिला मस्जिद

संजौली मस्जिद कमेटी के पूर्व प्रधान मोहम्मद लतीफ ने दावा किया कि यह जमीन वक्फ बोर्ड की है। पहले कच्ची मिट्‌टी की मस्जिद बनी थी। बाद में उन्होंने प्रधान पद छोड़ दिया था। इसके बाद की उन्हें जानकारी नहीं है।

मस्जिद मामले में पहली बार साल 2010 में नगर निगम के पास शिकायत पहुंची थी। यहां अवैध निर्माण करने के आरोप लगे थे। निगम प्रशासन के अनुसार, पहले मौके पर एक मंजिल और एटिक के रूप में मस्जिद थी, लेकिन साल 2024 तक यहां अब एटिक को मिलाकर 5 मंजिलें बन गई।

साल 2010 से ही इस मामले में MC आयुक्त कोर्ट में केस चल रहा है। सुनवाई के दौरान भी अवैध निर्माण चलता रहा। MC ने कई बार काम रोकने के आदेश जारी किए। इस मामले में अब तक 44 पेशियां हो चुकी हैं।

संजौली चौक में मस्जिद के खिलाफ प्रदर्शन करते लोग

दरअसल, मल्याणा क्षेत्र में 31अगस्त की शाम को एक व्यक्ति के साथ विशेष समुदाय के लोगों ने मारपीट की थी। इस मामले में पुलिस ने 6 आरोपी गिरफ्तार किए। आरोप लगा कि वारदात को अंजाम देकर आरोपी मस्जिद में छिपे।

जिसके बाद हिंदू संगठनों ने संजौली मस्जिद के खिलाफ प्रदर्शन किया और अवैध बताकर मस्जिद को गिराने पर अड़ गए। अब यह मामला पूरी तरह तूल पकड़ चुका है।इस मामले में लोग संजौली में 2 बार और 1 बार विधानसभा के बाहर चौड़ा मैदान में भी प्रदर्शन कर चुके है। लोगों ने मस्जिद के अवैध निर्माण को तोड़ने की चेतावनी दे रखी है।

इसके बाद संजौली में चप्पे चप्पे पर पुलिस तैनात कर दी गई है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कानून को हाथ में लेने वालों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दे रखे हैं।

प्रदेश सरकार में मंत्री अनिरुद्ध सिंह भी मस्जिद को अवैध बताकर इसे तोड़ने की मांग कर चुके हैं। हिमाचल के मंत्री अनिरुद्ध सिंह तो सदन में यहां तक कह चुके हैं कि कहीं ये रोहिंग्या तो नहीं। मैं कुछेक बांग्लादेशी को जानता हूं। शहर में बीते एक सप्ताह से माहौल भी तनावपूर्ण हो गया है।

  • आरोप है कि संजौली के पॉश इलाके में बिना अनुमति और नक्शा पास किए बगैर 5 मंजिला मस्जिद बना दी गई। स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग नमाज पढ़ने आते हैं। 4 दिन पहले प्रदर्शन कर रहे लोगों ने आरोप लगाया था कि मुस्लिम समुदाय के लोग कुछ घरों में ताक-झांक कर रहे थे।
  • 73 साल के श्याम लाल ने बताया, ‘पहले यहां छोटी मस्जिद थी। एक समुदाय के 2 ही परिवार यहां रहते थे, लेकिन बीते कुछ सालों के दौरान यहां बड़ी संख्या में बाहर से आकर लोग बसने लगे। बाहरी लोगों ने ही यहां बहुमंजिला मस्जिद बनाई। जो मस्जिद पहले बनी थी, वो कच्ची और दोमंजिला थी। नमाज के वक्त यहां लोगों की काफी भीड़ होती है। इससे लोगों का इस इलाके में चलना भी मुश्किल हो जाता है।
शिमला के संजौली में मस्जिद के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए लोग

मस्जिद के इमाम शहजाद ने इस मामले में कहा कि मस्जिद 1947 से पहले की है। पहले मस्जिद कच्ची थी और 2 मंजिल की थी। लोग मस्जिद के बाहर नमाज पढ़ते थे, जिससे नमाज पढ़ने में दिक्कत आती थी। इसे देखते हुए लोगों ने चंदा इकट्ठा किया और मस्जिद निर्माण शुरू किया। जमीन वक्फ बोर्ड की थी, जिस पर 2 मंजिल पहले से बनी थीं। मस्जिद की 2 मंजिल को लेकर मामला कोर्ट में चल रहा है। वक्फ बोर्ड इसकी लड़ाई लड़ रहा है। कानून का जो निर्णय होगा, वो सभी को मंजूर होगा।

  • राज्य सरकार के अनुसार, मस्जिद पुरानी है, लेकिन अ‌वैध निर्माण 2010 में शुरू हुआ। इसके बाद 30 से 35 बार अवैध निर्माण रोकने के लिए नोटिस दिए गए, लेकिन कंस्ट्रक्शन नहीं रोका गया। कमिश्नर कोर्ट में 44 पेशी लग चुकी हैं। इस मामले में अगली सुनवाई 7 सितंबर को होनी है।
  • शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने 4 सितंबर को विधानसभा में कहा था, ‘नगर निगम आयुक्त कोर्ट में केस चल रहा है। अगर कोर्ट मस्जिद को अवैध बताता है तो नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी। पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह मस्जिद और विशेष समुदाय पर सख्त कार्रवाई की पैरवी करते नजर आए। उन्होंने कहा, ‘एक विशेष समुदाय के नए-नए लोग रोज यहां आ रहे हैं। क्या ये रोहिंग्या हैं? मैं कुछ ऐसे लोगों को जानता हूं, जो बांग्लादेशी है।’

संजौली से भड़की चिंगारी शहर के अन्य उप नगरों में भी फैल रहीं हैं। संजौली के बाद वीरवार शाम और शुक्रवार को शिमला के कुसुम्पटी में भी स्थानीय लोगों ने मस्जिद के बाहर प्रदर्शन कर चुके है।

Latest News

*कोरबा जिले में 96 शिक्षकों की मानदेय पर भर्ती, 30 सितंबर तक आवेदन आमंत्रित*

कोरबा। शिक्षा विभाग द्वारा जिले के एकल शिक्षक, शिक्षकविहीन एवं दो शिक्षकीय माध्यमिक शालाओं में 96 शिक्षकों की मानदेय...

More Articles Like This