भारत की दूसरी न्यूक्लियर सबमरीन अरिघात बनकर तैयार:6000 टन वजन, 750 km तक मिसाइल अटैक की रेंज; कल नेवी को मिल सकती है

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भारत की दूसरी न्यूक्लियर सबमरीन अरिघात बनकर तैयार है। इसे कल यानी (29 अगस्त) को इंडियन नेवी को सौंपा जा सकता है। अरिघात को 2017 में लॉन्च किया गया था। तब से इसकी टेस्टिंग जारी रही। अब फाइनली इसे कमीशन किया जाएगा।

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अरिघात INS अरिहंत का अपग्रेडेड वर्जन है। इसे विशाखापत्तनम में भारतीय नौसेना के शिप बिल्डिंग सेंटर (SBC) में बनाया गया था। अरिहंत की तरह ही अरिघात भी 750 किलोमीटर की रेंज वाली के-15 मिसाइलों से लैस होगी।

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भारतीय नौसेना अब तक 3 न्यूक्लियर सबमरीन तैयार कर चुकी है। इसमें से एक अरिहंत कमीशंड है, दूसरी अरिघात मिलने वाली है और तीसरी S3 पर टेस्टिंग जारी है। इन सबमरीन के जरिए दुश्मन देशों पर परमाणु मिसाइल दागी जा सकती हैं। 2009 में पहली बार सांकेतिक तौर पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की पत्नी ने कारगिल विजय दिवस के मौके पर INS अरिहंत को लॉन्च किया था। इसके बाद 2016 में इसे नौसेना के बेड़े में शामिल किया गया। अगले 5 साल में दो और पनडुब्बियों को भारतीय नौसेना ने लॉन्च किया है।

2009 में लॉन्च करने से पहले भारत ने पनडुब्बियों को दुनिया से छिपा रखा था। 1990 में भारत सरकार ने ATV यानी एडवांस टेक्नोलॉजी वेसल प्रोग्राम शुरू किया था। इसके तहत ही इन पनडुब्बियों का निर्माण शुरू हुआ था।INS अरिघात समुद्र के अंदर मिसाइल अटैक करने में उसी तरह सक्षम है, जिस तरह अरिहंत ने 14 अक्टूबर 2022 को टेस्टिंग की थी। तब अरिहंत से K-15 SLBM की सफल टेस्टिंग की गई थी। इसी के साथ भारत अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन के अलावा दुनिया का छठा न्यूक्लियर ट्रायड देश बन गया था।

इसे हम भारत और पाकिस्तान के उदाहरण से समझते हैं। मान लीजिए भारत और पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे पर युद्ध की तैयारी करने लगते हैं।

परमाणु हथियारों को छोड़ दें तो सैनिक शक्ति के मामले में भारत पाकिस्तान पर काफी भारी है। यानी युद्ध हुआ तो भारत की जीत तय है।

ऐसे हालात में पाकिस्तान भारत पर परमाणु हमला करने का प्लान बनाने में जुट जाता है। अब सवाल ये है कि पाकिस्तान सबसे पहले क्या सोचेगा?

इसका जवाब है कि ऐसे में पाकिस्तान की सबसे बड़ी चिंता होगी कि अगर वह परमाणु हमला करता है तो भारत भी जवाब में उस पर परमाणु हथियार इस्तेमाल करेगा। इस तरह पाकिस्तान खुद भी तबाह हो जाएगा।

ऐसे में पाकिस्तान भारत पर इतने ज्यादा परमाणु बम गिराने का प्लान बनाएगा कि भारत की जमीन पूरी तरह तबाह हो जाए और वह पाकिस्तान पर जवाबी हमला करने की स्थिति में न रहे।

इधर, भारत पहले से ऐसे किसी परमाणु हमले के जवाब में दुश्मन पर परमाणु हमला करने की क्षमता को बचाए रखने की तैयारी किए बैठा होगा।

  • पहला तरीका: परमाणु बमों से लैस मिसाइल और लड़ाकू विमानों को ऐसी जगहों पर तैनात रखना जो परमाणु हमले के बावजूद पाकिस्तान को जवाब दे सकें। ऐसी जगहों में ऊंचे पर्वतीय इलाके, दूर अंडमान निकोबार जैसे द्वीप और
  • दूसरा तरीका: जमीन से दागी जाने वाली मिसाइलों और विमानों से परमाणु बम गिराने की क्षमता के साथ समुद्र में युद्धपोत और पनडुब्बियों से परमाणु मिसाइल दागने की ताकत डेवलप करना है। इनमें खास ध्यान परमाणु ईंधन से चलने वाली पनडुब्बियों पर दिया जाता है, क्योंकि युद्धपोतों को तलाश कर डुबोया जा सकता है, लेकिन गहरे समुद्र में गोता लगा रही पनडुब्बी को तलाशना आसान नहीं।

    इस तरह साफ है कि परमाणु हथियारों को जमीन से मिसाइलों के जरिए, हवा से लड़ाकू विमानों के जरिए और समुद्र से पनडुब्बियों के जरिए दागने की क्षमता को ही न्यूक्लियर ट्रायड कहते हैं।

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