भारत में पहली बार होगी ‘सफेद सोने’ की खुदाई

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भारत में पहली बार होगी ‘सफेद सोने’ की खुदाई

दुनियाभर में क्रिटिकल मिनरल्स की बहुत मांग है. ऐसी धातुएं जिनकी उपलब्धता बहुत सीमित लेकिन डिमांड ज्यादा होती है, इन्हें क्रिटिकल मिनरल कहा जाता है. एंटीमनी, बेरिलियम, बिस्मथ, कोबाल्ट, कॉपर, गैलियम समेत 30 ऐसी धातुएं हैं जिन्हें क्रिटिकल मिनरल्स की कैटेगरी में रखा गया है. ‘लिथियम’ भी एक ऐसी ही धातु है, जिसे ‘सफेद सोना’ कहा जाता है. लिथियम के भंडार किसी भी देश को मालामाल कर सकते हैं क्योंकि इस मेटल का इस्तेमाल सबसे ज्यादा रिचार्जेबल बैटरी को बनाने में किया जाता है. दुनियाभर में इलेक्ट्रिक वाहन और रिचार्जेबल इलेक्ट्रिक प्रोडक्ट्स की मांग जिस तरह बढ़ रही है उससे लिथियम के महत्व का अंदाजा लगाया जा सकता है.

भारत के कुछ राज्यों में लिथियम के बड़े भंडार मिले हैं. जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में इसके भंडार खोजे हैं, साथ ही बिहार, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और गुजरात में भी लिथियम के भंडार होने की संभावना है. छत्तीसगढ़ में भारत की सबसे पहली लिथियम खदान से इस दुर्लभ धातु को निकालने की तैयारी शुरू हो गई है.

छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में स्थित कटघोरा इलाके में भारत की पहली लिथियम खदान से उत्खन्न शुरू होने वाला है. लिथियम की यह खदान प्रदेश की राजधानी रायपुर से 200 किलोमीटर दूर है. नई दिल्ली में 12 अगस्त को नेशनल मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट की मीटिंग में इस लिथियम खदान को खोलने का ऐलान किया गया. जीएसआई ने लगभग 250 हेक्टेयर में 10 से 2,000 पार्ट्स प्रति मिलियन (पीपीएम) के बीच लिथियम उपलब्ध होने की पुष्टि की है.

नई दिल्ली में हुई इस मीटिंग में छत्तीसगढ़ के सीएम की ओर से राज्य के हेल्थ मिनिस्टर श्याम बिहारी जायसवाल शामिल हुए. उन्होंने ने कहा, “राज्य में लिथियम खदान शुरू होने से छत्तीसगढ़ 2047 तक विकसित भारत के विजन में और अधिक योगदान देने वाले देश के अग्रणी राज्यों में से एक बन जाएगा.”

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