एशिया की बड़ी मंडियों में से एक ’कलमना मार्केट’ बदहाली का शिकार.. कीचड़ से सनी हुई बुनियादी समस्याओं से जूझ रही मंडी

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One of the biggest markets of Asia, ‘Kalamna Market’ is in bad condition.

नागपुर: नागपुर वासियों ने उसे समय आनंदित होकर खूब जश्न मनाया था, जब नागपुर शहर में कलमना मार्केट की स्थापना की गई थी। क्योंकि यह मंडी एशिया की दूसरे नंबर की सब से बड़ी मंडी हैं। लेकिन बदकिस्मती यह हैं कि मौजूदा समय में कलमना मार्केट के इतने बुरे हाल हैं, कि वह कुल मिलाकर बदहाली का शिकार हो गई हैं।कीचड़ से सनी हुई कलमना की इस मंडी में चारों तरफ गंदगी का साम्राज्य फैला हुआ हैं।यहां मच्छर मक्खियों एवं अन्य जीव जंतुओं का डेरा हैं। जिस के कारण इस मंडी में आने वालों को तरह तरह की बीमारियों से जूझना पड़ता हैं। मलेरिया,डेंगू,अकड़न जकड़न,न जाने कैसी कैसी परेशानी से जूझते हैं यहां कारोबार करने वाले।लेकिन प्रशासन की मौन स्थिति समझ के परे हैं।

नागपुर कृषि उत्पन्न बाजार समिति द्वारा कलमना मार्केट का संचालन किया जाता हैं। इस मार्केट में सब्जी,फल,अनाज,तथा बकरों का थोक और चिल्लर व्यापार होता हैं। कलमना बाजार में कई राज्यों,और छोटे शहरों,ग्रामीण क्षेत्रों से व्यापारी आते हैं।फिर दलालों के माध्यम से आने वाली वस्तुओं की बिक्री की जाती हैं। यहां से बड़े पैमाने पर सामग्री खरीदने के लिए खरीदार भी आते हैं।

कलमना मार्केट में खास तौर से बरसात के मौसम में कीचड़ और गंदगी के कारण उठने वाली दुर्गंध से यहां का वातावरण जानलेवा बन जाता हैं।जगह जगह बरसात का पानी जमा होने से गंदे और जमे हुए पानी से गुजर कर जाना बड़ा ही कठिन हो गया हैं।गंदे पानी में सब्जियां सड़ने लगती हैं। इसी लिए बची हुई सब्जियों के दाम बड़ जाते हैं।वहीं सड़ी गली सब्जियों को यहां कूड़े में डाल दिया जाता हैं।

कलमना मार्केट में हर मौसम में समस्याओं से रू ब रू होना पड़ता हैं।कुछ समय पहले इसी मार्केट में स्थित मिर्च मार्केट में आग लग गई थी। इस भयानक आग में लाखों रूपयों का माल जल कर खाक हो गया था। कुछ इसी प्रकार का नजारा कलमना स्थित बकरा मंडी का हैं।यहां भी बरसती जलजमाओ से मंडी में कारोबार करना मुश्किल हो रहा हैं।यहां गंदगी के कारण मच्छर मक्खियों का आतंक बढ़ गया हैं।कोलकाता रेलवे लाइन और कलमना बकरा मंडी के बीच एक सुरक्षा दीवार बनाई गई थी।

डेढ़ माह पूर्व लगभग 100 मीटर लंबी उस दीवार के अचानक ढह जाने से मंडी की सुरसा पर प्रश्न चिन्ह लग गया हैं।लेकिन अब तक उस दीवार को दोबारा निर्माण नहीं किया जा सका हैं। उस खुले झाड़ियों वाले रास्ते से नाग देवता के दर्शन भी हो चुके हैं। ऐसा माना जा रहा है की प्रशासन यहां किसी बड़ी वारदाद का इंतेजार कर रहा हैं।

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