आदिवासी जमीन को यादव जाति की बताकर खरीदने वाले जवाहर लाल अग्रवाल और भू माफिया राजेन्द्र प्रसाद यादव को 07 वर्ष की सश्रम कारावास और अर्थदण्ड की सजा सुनाई विशेष न्यायालय ने.. पढ़े पूरी खबर…..

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Accused who bought tribal land by claiming it to be of Yadav caste sentenced to 07 years of rigorous imprisonment

कोरबा :- ग्राम दादरखुर्द में जमीन फर्जीवाड़ा का एक से बढ़कर एक घोटाला का उजागर हुआ है जिसमें से कुछ मामलों पर शिकायत के बाद पुलिस द्वारा अपराध भी दर्ज किया गया और आरोपीयों को जेल की भी हवा खानी पड़ी है और अब एक विचाराधीन मामला में स्पेशल कोर्ट ने अभियुक्त जवाहरलाल अग्रवाल और राजेन्द्र प्रसाद यादव को 07 वर्ष की सश्रम कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई है!

क्या है पूरा मामला

कोरबा जिला के कोरबा तहसील के अन्तर्गत आने वाले ग्राम दादरखुर्द से जुड़ा हुआ है यहाँ आदिवासी किसान रामसाय पिता दोंदरो कदमहाखार में निवास करता है जिसकी पुस्तौनी जमीन खसरा नंबर 624 रकबा 01 एकड़ भूमि स्थित है जिसे भू माफिया राजेन्द्र प्रसाद यादव और जवाहरलाल अग्रवाल अपने साथियों के साथ मिलकर तत्कालीन राजस्व निरिक्षक मोहन लाल शर्मा से सांठगांठ कर रामसाय उरांव के स्थान पर रामसाय यादव के नाम पर फर्जी दस्तावेज बनाकर परदेशी राम यादव नामक व्यक्ति उसके स्थान पर खड़ा कराकर जवाहरलाल अग्रवाल अपने नाम पर उप पंजीयक कोरबा में उपस्थित होकर रजिस्ट्री करा लिया गया और अपने नाम पर नामांतरण भी करवा लिया गया जब मूल किसान रामसाय उरांव को इसकी जानकारी हुई तो उसने इसकी शिकायत कलेक्टर कोरबा और पुलिस से की गई जिस कलेक्टर ने टीम बनवाकर शिकायत की जांच करवाई और शिकायत सही पाई गई और नियमानुसार उक्त जमीन को मूल किसान के नाम पर राजस्व अभिलेख में दर्ज किया गया और साथ ही पुलिस द्वारा मामला भी दर्ज कर आरोपीयों को पकड़ कर जेल भी भेजा गया था इस मामले में पुलिस ने राजेन्द्र प्रसाद यादव, जवाहरलाल अग्रवाल, परदेशी राम यादव, कमल नारायण पटेल और राजस्व निरिक्षक मोहन लाल शर्मा को आरोपी बनाया गया था जिसमें से कमल नारायण पटेल की जेल में ईलाज के दौरान मौत हो गई और फरार परदेशी राम यादव और मोहन लाल शर्मा की भी मौत हो चुकी है! न्यायालय ने उक्त मामला प्रकरण की सुनवाई पूर्ण कर जीवित मुख्य अभियुक्त राजेन्द्र प्रसाद यादव और जवाहरलाल अग्रवाल को 07 वर्ष की सश्रम कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई है!

सूत्रों की माने तो भू माफिया राजेन्द्र प्रसाद यादव, जवाहरलाल अग्रवाल और उनके साथियों द्वारा और कई आदिवासी लोगों की जमीन को यादव जाति का दस्तावेज बनाकर अपने नाम पर रजिस्ट्री करवाया गया है जिसमें से कुछ पर पुलिस द्वारा अपराध दर्ज कर न्यायालय में मामला पेश किया गया है और कुछ मामलों का अभी उजागर होना बाकी है!

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