स्कूली बच्चों को पढ़ाई के लिए मिल रही बेहतर माहौल और सुविधाएं

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स्कूली बच्चों को पढ़ाई के लिए मिल रही बेहतर माहौल और सुविधाएं

जगदलपुर – राज्य शासन के निर्देशानुसार जिला प्रशासन एवं समग्र शिक्षा संयुक्त प्रयास से शालाओं के जीर्णोद्धार एवं मरम्मत का कार्य व्यापक पैमाने पर किया जा रहा है। गुणवत्तायुक्त शिक्षा के लिए अधोसंरचना की मजबूती प्रदान करने के लिए शासन द्वारा लगातार बेहतर कार्य करने का प्रयास किया जा रहा है। शालाओं में शिक्षकों को बेहतर अद्योसंरचना बेहतर मिलने पर नौनिहालों का भविष्य गढ़ते है। उन्हें पढ़ाई के लिए बेहतर माहौल मिले एवं सुविधाएं उपलब्ध हो इस के लिए शालाओं का जीर्णोद्धार का कार्य प्राथमिकता से किया जा रहा है। जिला के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र अंचलों में बच्चो को पढ़ाई का बेहतर अवसर प्राप्त हो, और पर्याप्त व्यवस्था रहे इसके लिए जतन किये जा रहे है ।

बस्तर जिले में कुल 2164 शालाएं संचालित है इसमें 1526 प्राथमिक शाला एवं 638 पूर्व माध्यमिक शालाएं है।जिनमें से अधिकांश शालाएं सुदूर घोर क्षेत्रों में संचालित है। जहां आवागमन की कमी है। इसके उपरांत भी शालाओं में मूल-भूत सुविधाएं शासन से उपलब्ध कराई गई है। जैसे 70 जर्जर शालाओं में मरम्मत का कार्य 01 करोड़ 70 लाख 13 हजार रूपए की लागत से जीर्णोद्धार किया गया है। इसी प्रकार आंशिक रूप से जर्जर शालाओं में बीआईजीएस मद अन्तर्गत 73 शालाओं में लघुमरमत का कार्य लागत 01 करोड़ 86 लाख 37 हजार रूपए से पूर्ण करवाया गया है। जिससे शाला में एक सुन्दर वातावरण का निर्माण हुआ है। जिस कारण वर्षा ऋतु में भी छात्र-छात्राएं बिना किसी कठिनाई के अध्ययन कर रहें है।

इसके अलावा जिन शालाओं में दर्ज संख्या अधिक है उन शालाओं में लगभग 04 करोड़ 86 लाख 28 हजार रूपए की लागत से 80 अतिरिक्त कक्षों का निर्माण कार्य किया गया है। इन अतिरिक्त कक्षों में से 35 अतिरिक्त कक्ष सुदूर क्षेत्र में संचालित शालाओं में प्री-फैब बॉम्बू स्ट्रक्चर के माध्यम से निर्माण किया गया है। जिससे शालाओं में छात्रध्छात्राओं के बैठक व्यवस्था की कमी को दूर की गई है। शालाओं में 02 करोड़ लगभग 11 लाख रूपये की लागत से 138 नये बालक शौचालय एवं 31 नये बालिका शौचालयों का भी निर्माण कार्य किया गया है। साथ ही 82 बालक एवं 162 बालिका शौचालय जो अक्रियाशील थी उन्हें 01 करोड़ 02 लाख 48 हजार रूपए की लागत से उपयोगयुक्त बनाया गया।

छात्र-छात्राओं के लिए शुद्ध पीने की पानी की व्यवस्था हेतु 141 हैण्डपंप का कार्य 01 करोड़ 12 लाख 50 हजार रूपए की लागत से पूर्ण किया गया। इसी प्रकार दूरस्थ क्षेत्रों में संचालित 05 शालाओं में सोलर पॉवर प्लांट के माध्यम से विद्युत व्यवस्था भी की गई है। जिले में संचालित 07 कस्तुरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में भी सोलर पॉवर प्लांट से विद्युत व्यवस्था की गई है क्योंकि उक्त विद्यालय में छात्राएं निवास करते हुए अध्ययन करती है। इस विद्युत व्यवस्था से छात्राओं को अध्ययन कार्य में काफी सुविधा हो रही है।

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