Agniveer Yojana: Modi government can make big changes in Agniveer Yojana
Agniveer Yojana: अग्निवीर योजना को लागू हुए डेढ़ साल बीत चुका है। लोकसभा चुनाव के दौरान विपक्ष ने इस योजना के मुद्दे को जमकर उठाया। बीजेपी सरकार के सहयोगी दलों ने भी अग्निपथ योजना में बदलाव की मांग की। भारतीय सेना में अग्निपथ स्कीम के जरिए जवानों की भर्ती होती है और इसके तहत भर्ती होने वाले जवानों को अग्निवीर कहा जाता है। इस योजना को लागू करते वक्त रक्षा मंत्रालय की ओर से इसे समय-समय पर रिव्यू करने के लिए कहा गया था। मोदी सरकार अपने तीसरे कार्यकाल में अग्निपथ योजना में बदलाव का विचार कर सकती है।
सूत्रों के मुताबिक DMA (डिपार्टमेंट ऑफ मिलेट्री अफेयर्स) ने तीनों सेना से अग्निवीर योजना पर रिपोर्ट मांगी है। 4 साल के कार्यकाल को बढ़ाने, ज्यादा भर्ती और 25 प्रतिशत रिटेंशन की लिमिट बढ़ाने की बात हो रही है। इसके साथ ही ड्यूटी पर अग्निवीर के घायल या शहीद होने पर परिवार को आर्थिक सहायता देने को लेकर भी विचार किया जा रहा है।
छुट्टियों के अंतर में भी बदलाव !
अगर अग्निपथ योजना में बदलाव होगा तो रेगुलर जवानों और अग्निवीरों को मिलने वाली छुट्टियों में भी बदलाव हो सकता है। रेगुलर जवानों को 90 दिन की छुट्टी मिलती है। वहीं अग्निवीरों को सिर्फ 30 दिन की छुट्टी मिलती है। फिलहाल अग्निवीरों के पहले बैच को आउट करने में ढाई साल का वक्त लगता है। अगर पहले ही बदलाव होते हैं तो उसका फायदा पहले बैच के अग्निवीरों को मिल सकता है।
बदलाव से गोरखा सैनिकों को मिलेगी राहत
अग्निपथ स्कीम आने के बाद से नेपाल में किसी तरह की भर्ती रैली नहीं हुई है। पिछले 4 साल से भारतीय सेना में नेपाली गोरखा सैनिकों की भर्ती नहीं हुई है। अग्निपथ योजना से पहले सेना को नेपाल से पूरे गोरखा सैनिक मिल रहे थे। अग्निपथ योजना के बाद से भारतीय गोरखा तो मिल रहे हैं, लेकिन नेपाली गोरखा सैनिक नहीं मिल रहे। अग्निपथ स्कीम में बदलाव से सेना को नेपाली गोरखा सैनिक मिलने लगेंगे।
क्या खत्म हो जाएगी अग्निवीर योजना ?
रिपोर्ट्स के मुताबिक फिलहाल सरकार अग्निवीर योजना को खत्म करने पर विचार नहीं कर रही है। इसका रिव्यू करके बदलाव जरूर किए जा सकते हैं।